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गोरखपुर में नाले की खुदाई से हादसा, तीन मकान ध्वस्त, बाल-बाल बचे लोग, प्रशासन ने किया मुआवजे का ऐलान

गोडधोइया नाला परियोजना के चलते मिट्टी धंसने से तीन मकान भरभराकर गिरे, कोई जनहानि नहीं, प्रभावित परिवारों को लाखों का मुआवजा मिलेगा

Collapsed houses near Goddhoiya drain excavation in Gorakhpur | Gorakhpur News

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के आदित्यपुरी इलाके में शुक्रवार सुबह बड़ा हादसा होते-होते टल गया जब गोडधोइया नाले की खुदाई के दौरान अचानक मिट्टी धंसने से तीन मकान भरभराकर गिर गए। हादसा सुबह करीब आठ बजे हुआ और देखते ही देखते पूरा इलाका अफरा-तफरी में बदल गया। राहत की बात यह रही कि तीनों मकानों में कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था, क्योंकि घरों की दीवारों में दरारें पड़ने के बाद मालिक पहले ही उन्हें खाली कर चुके थे। हादसे में लवकुश सिंह, मनोज उपाध्याय और जगदीश उपाध्याय के मकान पूरी तरह ढह गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से नाले की खुदाई के चलते घरों की नींव कमजोर हो चुकी थी और मिट्टी खिसकने से दीवारों में गहरी दरारें दिखाई दे रही थीं। जैसे-जैसे दरारें बढ़ती गईं, परिवारों ने सावधानी बरतते हुए अपने घर खाली कर दिए थे। शुक्रवार को जब जमीन और अधिक धंस गई, तो देखते ही देखते तीनों मकान एक साथ गिर पड़े। आसपास मौजूद लोग इस घटना का वीडियो बनाते रहे, जबकि कुछ लोगों ने आवाजाही रोकने और क्षेत्र को सुरक्षित करने में मदद की। हादसे से इलाके में दहशत फैल गई और लोग घरों से बाहर निकल आए।

प्रभावित परिवारों की व्यथा और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

मकान गिरने के बाद प्रभावित परिवारों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी उम्र की कमाई लगाकर ये मकान बनाए थे और अब किराए के घरों में रहने को मजबूर हैं। लवकुश सिंह ने कहा, “जिंदगी में दोबारा घर बनाना आसान नहीं होता, पर मजबूरी में घर छोड़ना पड़ा।” घटना की सूचना मिलते ही राजस्व विभाग और गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) की टीम मौके पर पहुंची। लेखपाल ने नुकसान का आकलन किया और तीनों मकान मालिकों के लिए मुआवजे की घोषणा की गई। तय की गई राशि के अनुसार लवकुश सिंह को ₹33 लाख, मनोज उपाध्याय को ₹9 लाख और जगदीश उपाध्याय को ₹5.24 लाख मुआवजा दिया जाएगा। प्रशासन ने प्रभावितों को आश्वासन दिया है कि मुआवजा शीघ्र ही वितरित किया जाएगा। इस दौरान जीडीए के अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण कर नाले की खुदाई के तरीके और मिट्टी की स्थिरता की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि आगे से इस तरह के हादसों से बचने के लिए खुदाई क्षेत्र के आसपास सुरक्षात्मक अवरोध बनाए जाएंगे और निगरानी बढ़ाई जाएगी।

योगी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट और शहर को राहत की उम्मीद

गोडधोइया नाला परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक मानी जा रही है। लगभग 10 किलोमीटर लंबा और 20 मीटर चौड़ा यह आरसीसी नाला करीब ₹150 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शहर के लगभग 200 से अधिक मोहल्लों को जलभराव की समस्या से स्थायी राहत दिलाना है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद बरसात के मौसम में गोरखपुर के कई इलाकों में पानी भरने की समस्या खत्म हो जाएगी और निचले क्षेत्रों में निकासी व्यवस्था बेहतर होगी। हालांकि, परियोजना के दौरान हो रही खुदाई और मिट्टी धंसने जैसी घटनाएं स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। प्रभावित परिवारों ने कहा कि वे नाले का काम पूरा होने के बाद उसी जगह पर फिर से अपने घर बनाएंगे, लेकिन इस हादसे ने उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से झकझोर दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशासन और जीडीए भविष्य में निर्माण कार्य के दौरान ऐसी त्रुटियों को दोहराने नहीं देंगे। फिलहाल इलाके में सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और मलबा हटाने का काम जारी है। नगर प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि नाले की खुदाई के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करें और अस्थिर इलाकों के आसपास सावधानी बरतें। यह हादसा एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि विकास कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है।

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