गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में जिला प्रशासन ने लोगों की समस्याओं के निस्तारण को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए नया कदम उठाया है। अब डीएम ऑफिस में किसी भी फरियादी को जिलाधिकारी से मिलने से पहले मुलाकाती पर्ची बनवानी होगी। यह पर्ची केवल प्रवेश पास ही नहीं होगी, बल्कि यह बताएगी कि फरियादी कब से अपनी समस्या को लेकर चक्कर लगा रहा है। जितनी बार शिकायत दर्ज कराई जाएगी, उतनी बार पर्ची जारी होगी और पुराने पर्चियों को भी साथ लाना अनिवार्य होगा। इससे अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी कि यदि समस्या समाधान योग्य थी तो उसे समय पर क्यों नहीं निपटाया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी व्यक्ति की समस्या अनदेखी न हो और उसके समाधान के लिए स्पष्ट जवाबदेही तय की जा सके।
पर्ची से जुड़ी प्रक्रिया और सुविधाएं
डीएम ऑफिस, जो पर्यटन विभाग के भवन परिसर में रेलवे बस स्टेशन के पास स्थित है, वहां मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद दाहिनी ओर बने कक्ष में मुलाकाती पर्ची जारी की जाएगी। हर पर्ची पर एक यूनिक नंबर होगा और उस पर फरियादी का नाम और पता दर्ज होगा। रजिस्टर में पूरी जानकारी लिखकर पर्ची जारी की जाएगी और उसके बाद ही व्यक्ति डीएम से मिल सकेगा। खास बात यह है कि पर्ची के एक हिस्से पर फरियादी की जानकारी होगी और दूसरे हिस्से पर सरकारी योजनाओं तथा अभियानों का विवरण दिया जाएगा। इस तरह यह पर्ची समस्या निस्तारण का साधन होने के साथ-साथ योजनाओं के प्रचार का भी माध्यम बनेगी। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से समस्या का समाधान न होने की शिकायत करेगा तो उससे पुरानी पर्चियां दिखाने को कहा जाएगा। इन पर्चियों के आधार पर उसकी शिकायत की स्थिति की जांच की जाएगी।
जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम
डीएम दीपक मीणा ने बताया कि आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाले हर आवेदन को प्रतिदिन ऑनलाइन दर्ज किया जाता है। अब मुलाकाती पर्ची के यूनिक नंबर से सीधे उस शिकायत की स्थिति जांची जा सकेगी। जिन लोगों के पास मोबाइल पर ऑनलाइन स्टेटस देखने की सुविधा नहीं है, उनके लिए यह पर्ची एक हार्ड कॉपी के रूप में काम करेगी। इस व्यवस्था से यह तय किया जाएगा कि समस्या समाधान योग्य है या नहीं। अगर समाधान योग्य होने के बावजूद हल नहीं की गई है तो इसे गंभीर मामला माना जाएगा और संबंधित अधिकारी से जवाब-तलब होगा। वहीं यदि समस्या उस स्तर पर निस्तारण योग्य नहीं है तो फरियादी को स्पष्ट रूप से आगे का रास्ता बताया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि इस नई प्रणाली से फरियादियों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित होगा और जनता का विश्वास प्रशासन पर और मजबूत होगा।