गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने शुक्रवार को विकास भवन सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की जिसमें जिले को अगस्त माह में सीएम डैशबोर्ड पर राजस्व एवं विकास श्रेणी में प्राप्त 62वीं रैंकिंग पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिले की रैंकिंग को सुधारने के लिए सभी विभागों को गंभीर प्रयास करने होंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। डीएम ने कहा कि आईजीआरएस यानी समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से किया जाए और सबसे अहम यह है कि शिकायतों के निस्तारण के बाद संबंधित विभागाध्यक्ष शिकायतकर्ता से फोन पर सीधे संपर्क कर फीडबैक लें। यह फीडबैक आईजीआरएस रजिस्टर पर अनिवार्य रूप से दर्ज होना चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और शिकायतकर्ता को संतोषजनक समाधान मिले। डीएम ने कहा कि यह प्रक्रिया विभागीय जिम्मेदारी तय करने और डैशबोर्ड रैंकिंग सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना और अन्य फ्लैगशिप योजनाओं पर नाराजगी
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में गोरखपुर के कमजोर प्रदर्शन पर विशेष नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने यूपीनेडा के परियोजना अधिकारी को निर्देश दिया कि जिले के सभी वेंडर्स और विद्युत विभाग के साथ तात्कालिक बैठक कर योजना को तेज गति से लागू किया जाए ताकि पात्र लाभार्थियों को समय पर लाभ मिल सके। डीएम ने कहा कि योजना में सुस्ती का असर सीधे राज्य स्तर की रैंकिंग पर पड़ता है और इसे गंभीरता से लिया जाए। इसके अलावा उन्होंने एनआरएलएम, फैमिली आईडी, मध्याह्न भोजन योजना, नई सड़कों के निर्माण एवं अनुरक्षण, एमडीएम और अन्य योजनाओं में प्राप्त निम्न ग्रेड को सुधारने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। डीएम ने जोर देकर कहा कि प्रत्येक विभाग अपनी जिम्मेदारी समझे और नियमित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करे ताकि अगले मूल्यांकन तक जिले की रैंकिंग बेहतर हो सके।
योजनाओं की समीक्षा और आगे की कार्ययोजना
डीएम ने बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा, किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री संपदा योजना, आपरेशन कायाकल्प, विद्यार्थियों की उपस्थिति, ग्रामीण स्टेडियम और ओपन जिम निर्माण, 15वें वित्त आयोग से जुड़े कार्य, एकीकृत बागवानी मिशन, फैमिली कार्ड योजना, खराब ट्रांसफार्मर की शिकायतों के समाधान आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से प्रत्यक्ष जानकारी लेते हुए प्रगति रिपोर्ट का आकलन किया और जहां सुधार की जरूरत थी वहां तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि रैंकिंग सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है बल्कि यह जनता को मिलने वाली सुविधाओं और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का प्रतिबिंब है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी विभाग में लापरवाही पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने अंत में कहा कि अगर सभी विभाग समन्वय के साथ काम करें तो गोरखपुर की रैंकिंग अगले महीने में उल्लेखनीय रूप से बेहतर हो सकती है और यही लक्ष्य सभी को ध्यान में रखना चाहिए।