गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिला जेल में मंगलवार को कैदियों के स्वास्थ्य संरक्षण के उद्देश्य से एक विशेष शिविर आयोजित किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्यांशु श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ मौजूद रहे। शिविर का मुख्य उद्देश्य बंदियों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना और उन्हें बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करना था। जेल प्रशासन ने इस कार्यक्रम की व्यवस्था पहले से की थी ताकि कैदियों को बिना किसी बाधा के जांच और दवाओं का लाभ मिल सके। आयोजन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अलग-अलग कैदियों की स्वास्थ्य जांच की और उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना। यह प्रयास न केवल तत्काल इलाज प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था बल्कि इसने यह भी दर्शाया कि जेल प्रशासन कैदियों की बुनियादी जरूरतों के प्रति संवेदनशील है।
65 बंदियों की जांच और चर्म रोग पर जानकारी
शिविर में कुल 65 कैदियों की जांच की गई और उन्हें आवश्यक दवाएं वितरित की गईं। डॉ. दिव्यांशु श्रीवास्तव ने विशेष रूप से चर्म रोगों के लक्षण, कारण और रोकथाम पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वच्छता की कमी, गंदे कपड़ों का उपयोग और नमी वाली जगहों पर लंबे समय तक रहने से त्वचा रोग फैल सकते हैं। डॉक्टर ने यह भी समझाया कि समय रहते पहचान और इलाज से इन रोगों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इस मौके पर कैदियों के लिए सवाल-जवाब का सत्र भी आयोजित हुआ जिसमें आकाशवाणी की उद्घोषिका और जेल विजिटर अमृताधीर मेहरोत्रा ने सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने चर्म रोगों से जुड़े कई सवाल पूछे जिनका उत्तर विशेषज्ञ डॉक्टर ने सरल भाषा में दिया ताकि कैदी इन जानकारियों को आसानी से समझ सकें। यह संवाद कैदियों के लिए उपयोगी साबित हुआ क्योंकि उन्हें प्रत्यक्ष रूप से विशेषज्ञ से अपनी शंकाओं का समाधान मिला।
अधिकारियों की मौजूदगी और भविष्य की योजनाएं
शिविर में जेल अधीक्षक डी.के. पाण्डेय, जेलर अरुण कुमार कुशवाहा, डिप्टी जेलर विजय कुमार और आदित्य कुमार जायसवाल सहित कई अधिकारी और कारागार कर्मी मौजूद रहे। फार्मासिस्ट शेष कुमार शर्मा ने दवाओं के वितरण में विशेष भूमिका निभाई। जेल अधीक्षक डी.के. पाण्डेय ने मुख्य अतिथि डॉ. दिव्यांशु श्रीवास्तव और जेल विजिटर अमृताधीर मेहरोत्रा का स्वागत किया और अंत में उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के शिविरों का आयोजन भविष्य में भी नियमित रूप से किया जाएगा ताकि कैदियों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार मिलती रहें। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कार्यक्रम कैदियों की मानसिक और शारीरिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं और उनके सुधार की दिशा में सकारात्मक माहौल तैयार करते हैं। स्वास्थ्य विभाग और जेल प्रशासन के संयुक्त प्रयास से यह शिविर सफल रहा और कैदियों को उम्मीद जगी कि आने वाले समय में भी उन्हें इस तरह की सुविधाएं मिलती रहेंगी।