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गोरखपुर सहित छोटे स्टेशनों पर भी डिजिटल इंटरलॉकिंग सिस्टम

अब माउस क्लिक से बनेंगे सिग्नल और पॉइंट, समय की होगी बचत और संरक्षा में इजाफा

Gorakhpur railway station digital interlocking system

Gorakhpur News, गोरखपुर और आसपास के जिलों के छोटे रेलवे स्टेशनों को अब डिजिटल इंटरलॉकिंग सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। पहले यह सुविधा केवल बड़े स्टेशनों तक सीमित थी, लेकिन रेलवे प्रशासन ने अब सभी स्टेशनों को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद रेलकर्मियों को ट्रेनों के आने से पहले मैनुअल तरीके से सिग्नल और पॉइंट सेट करने की जरूरत नहीं होगी। स्टेशन मास्टर और कंट्रोलर पैनल पर मौजूद कर्मचारी केवल कंप्यूटर के माउस क्लिक से ही ट्रेनों का मार्ग निर्धारित कर सकेंगे। इस सुविधा से न केवल समय की बचत होगी बल्कि ट्रेनों का संचालन भी अधिक सुरक्षित और सुगम तरीके से संभव होगा।

गोरखपुर-बस्ती मंडल में पहले चरण की शुरुआत

पूर्वोत्तर रेलवे ने अब तक 114 रेलवे स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम स्थापित कर दिया है, जिनमें गोरखपुर, गोरखपुर कैंट, डोमिनगढ़, नौतनवा और नकहा स्टेशन प्रमुख हैं। अब योजना के तहत गोरखपुर-बस्ती मंडल के कई छोटे स्टेशनों पर भी यह सिस्टम लगाया जाएगा। पहले चरण में सलेमपुर, भटनी, देवरिया, बैतालपुर, गौरी बाजार, सरदारनगर, चौरीचौरा, मगहर, खलीलाबाद, आनंदनगर, पिपराइच और सहजनवां जैसे स्टेशनों पर इंटरलॉकिंग कार्य शुरू किया जाएगा। इन सभी स्टेशनों पर डिजिटल इंटरलॉकिंग लग जाने के बाद स्टेशन मास्टर हाईटेक एलईडी स्क्रीन पर यार्ड प्लान देख सकेंगे और एक क्लिक से ट्रेनों का रूट तय कर पाएंगे।

संरक्षा और क्षमता दोनों में बढ़ोतरी

डिजिटल इंटरलॉकिंग सिस्टम लगने से ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर होगी। सिग्नल और पॉइंट फेल होने जैसी समस्या लगभग समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा, रेलवे को अधिक संख्या में ट्रेनें चलाने की भी सुविधा मिलेगी क्योंकि यार्ड प्रबंधन अब तेजी और कुशलता से किया जा सकेगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में पूर्वोत्तर रेलवे के सभी स्टेशनों पर यह सिस्टम लगाया जाएगा। इससे न केवल ट्रेनों की समयपालन क्षमता मजबूत होगी बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। गोरखपुर समेत छोटे स्टेशनों पर इस तकनीक का आना क्षेत्र की रेल सेवाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।


यह कदम भारतीय रेल की उस दिशा में एक और ठोस पहल है जिसमें तकनीक का अधिकतम उपयोग करके यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और तेज बनाने पर बल दिया जा रहा है। गोरखपुर-बस्ती मंडल के यात्री जल्द ही इस बदलाव का लाभ उठाते नजर आएंगे।