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Gorakhpur News :  गोरखपुर में बुजुर्ग से 19.31 लाख की ठगी: फेसबुक पर दोस्त बनीं लड़कियां, फॉरेन ट्रेडिंग में लगाया पैसा

ऑनलाइन ठगों का नया तरीका, सोशल मीडिया के जरिए बुजुर्ग को बनाया शिकार; साइबर थाने में मुकदमा दर्ज

Gorakhpur Cyber Fraud Case Senior Citizen Duped

गोरखपुरउत्तर प्रदेश –  गोरखपुर के रामगढ़ताल क्षेत्र में रहने वाले 60 वर्षीय बुजुर्ग को ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होना पड़ा जब फेसबुक पर दोस्त बनी दो अज्ञात लड़कियों ने उन्हें विदेशी व्यापार में निवेश के नाम पर लाखों रुपये लगाने को मजबूर कर दिया। बुजुर्ग, जिनके पास पर्याप्त बैंक बैलेंस था और वे पैसे को व्यापार में लगाकर लाभ कमाना चाहते थे, 19 मई 2025 को पहली बार ‘आरोही मल्होत्रा’ नामक लड़की से जुड़े। इसके कुछ दिन बाद 22 मई को दूसरी लड़की ‘कृतिका गुलाटी’ ने भी उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी, जिसे बुजुर्ग ने स्वीकार कर लिया। दोनों ने उनसे लगातार बातचीत शुरू की और धीरे-धीरे विश्वास जीत लिया। इसके बाद फॉरेन ट्रेडिंग के नाम पर उन्हें 20 से 40 प्रतिशत मुनाफे का लालच दिया गया। लड़कियों ने एक वेबसाइट लिंक साझा किया और बताया कि इसी प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश किया जाएगा। बुजुर्ग को यह भरोसा दिलाया गया कि जो भी राशि वह जोड़ेंगे, उससे फायदा बढ़ेगा और कभी भी फंड वापस लिया जा सकता है।

निवेश के नाम पर करोड़पति बनने का लालच

साजिश के तहत आरोही मल्होत्रा ने खुद को दुबई में जिम इक्विपमेंट फैक्ट्री की मालकिन और लखनऊ ऑफिस संचालिका बताया। इसी भरोसे में आकर बुजुर्ग ने 5 जुलाई से 1 सितंबर 2025 के बीच 8 लाख रुपये उनके बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब बुजुर्ग ने पैसे वापस मांगे तो आरोही ने आयकर जमा करने का बहाना बनाकर 4.32 लाख रुपये और मंगवाए। उसके बाद कस्टडी चार्ज के नाम पर 2.84 लाख रुपये और ट्रांसफर करवाए। इस तरह बुजुर्ग कुल 15.17 लाख रुपये आरोही के खाते में भेज चुके थे। इसी दौरान कृतिका गुलाटी ने भी उन्हें अपने जाल में फंसा लिया और 30 मई से 9 जुलाई तक करीब 3.50 लाख रुपये उनसे मंगवाए। इसके अलावा आयकर शुल्क के नाम पर 63,860 रुपये भी लिए गए। कृतिका ने धमकी दी कि यदि वे 5 लाख रुपये और जमा नहीं करेंगे तो उनके सारे पैसे फ्रीज कर दिए जाएंगे। बढ़ती मांग और दबाव से परेशान होकर जब बुजुर्ग ने आगे भुगतान करने से मना किया, तब उन्हें अहसास हुआ कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हो चुका है।

साइबर थाने में केस दर्ज, जांच में जुटी पुलिस

फ्रॉड का शिकार बनने के बाद पीड़ित बुजुर्ग ने हिम्मत जुटाकर साइबर अपराध थाने में तहरीर दी। उनकी शिकायत पर मंगलवार को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ पहचान छुपाकर धोखाधड़ी करने की धाराओं में केस दर्ज किया गया। मामले की जांच निरीक्षक जितेंद्र सिंह को सौंपी गई है और साइबर विशेषज्ञों की मदद से ठगों तक पहुंचने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के फ्रॉड के पीछे संगठित गिरोह सक्रिय हैं, जो सोशल मीडिया के जरिए लोगों को फंसाते हैं। वे पहले दोस्ती कर विश्वास जीतते हैं, फिर बिजनेस और निवेश का लालच देकर बड़ी रकम हड़प लेते हैं। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और अज्ञात व्यक्तियों के झांसे में न आने की सलाह दी है। खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों और ऑनलाइन निवेश करने वाले लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे किसी भी अनजान लिंक या खाते में पैसा न भेजें। यह मामला न केवल सोशल मीडिया पर बढ़ते साइबर अपराधों की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि ऑनलाइन सुरक्षा जागरूकता की आवश्यकता को भी सामने लाता है।

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