गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर नगर निगम ने स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) 2.0 के तहत चल रहे स्वच्छोत्सव अभियान में इस वर्ष विशेष पहल की। इसकी शुरुआत रामगढ़ताल स्थित नौका-विहार परिसर से की गई, जहां अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, सामाजिक संस्थाओं और बड़ी संख्या में नागरिकों ने मिलकर स्वच्छता की शपथ ली। इस मौके पर एनडीआरएफ के जवान और स्वच्छता ब्रांड एम्बेसेडर भी उपस्थित रहे। शपथ के बाद सामूहिक सफाई अभियान शुरू हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने न केवल सार्वजनिक स्थल को साफ किया बल्कि प्लॉग रन जैसे अनूठे कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। प्लॉग रन के दौरान प्रतिभागी दौड़ते हुए रास्ते में फैला कचरा उठाते चले, जिससे संदेश गया कि स्वच्छता केवल जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। इस मौके पर नागरिकों ने संकल्प लिया कि वे न तो गंदगी फैलाएंगे और न ही फैलने देंगे, बल्कि अपने आस-पास के वातावरण को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करेंगे। नौका-विहार से शुरू हुई इस पहल ने शहर में स्वच्छता की नई चेतना जगाने का कार्य किया।
शहरभर में चला व्यापक सफाई अभियान और जनजागरूकता कार्यक्रम
रामगढ़ताल से शुरू हुआ यह अभियान गोरखपुर के विभिन्न वार्डों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों तक फैल गया। नगर निगम के नेतृत्व में नालियों की सफाई, सड़कों की धुलाई, पौधारोपण और कूड़ा प्रबंधन से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी गई। सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने मिलकर पूरे शहर को साफ-सुथरा बनाने का संदेश दिया। जगह-जगह जनजागरूकता रैलियां आयोजित की गईं, जिनमें नागरिकों को गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखने की आदत डालने पर जोर दिया गया। प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने और 3R सिद्धांत – रिड्यूस, रीयूज़ और रीसायकल – अपनाने का आह्वान भी किया गया। नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य केवल सफाई अभियान चलाना नहीं, बल्कि लोगों में स्थायी व्यवहार परिवर्तन लाना है। इस अवसर पर विद्यालयों के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रतियोगिता और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से स्वच्छता का महत्व समझाया, जिससे आमजन में जागरूकता का स्तर और बढ़ा। आईईसी टीम, संवेदना डेवलपमेंट सोसाइटी और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर इस प्रयास को गति प्रदान की।
छात्रों और नागरिकों की भागीदारी से बनी जनचेतना, 22 को निकलेगी रैली
स्वच्छता अभियान की विशेषता यह रही कि इसमें आम जनता ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने यह संकल्प लिया कि गोरखपुर को स्वच्छ और स्वस्थ शहर बनाने में वे अपनी भूमिका निभाएंगे। नागरिकों ने अपने घरों और आसपास की सफाई पर ध्यान देने के साथ-साथ दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने का वादा किया। अभियान के दौरान स्कूल-कॉलेज के छात्रों ने रचनात्मक तरीकों से स्वच्छता का संदेश फैलाया, जिससे कार्यक्रम और अधिक प्रभावशाली बन गया। जनभागीदारी को देखते हुए नगर निगम ने आगामी 22 सितंबर को भव्य स्वच्छता रैली निकालने की घोषणा की है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी की उम्मीद है। यह रैली न केवल शहर में सफाई के प्रति जागरूकता फैलाएगी बल्कि लोगों को यह भी याद दिलाएगी कि स्वच्छता सामूहिक प्रयास से ही संभव है। इस मुहिम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि नागरिक, प्रशासन और संस्थाएं मिलकर काम करें तो किसी भी शहर को ‘स्वच्छ नगर, स्वस्थ नगर’ में बदलना कठिन नहीं है।