गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के ललितपुरम क्षेत्र में इस वर्ष छठ पर्व का नजारा कुछ अलग ही रहा। इस बार घाटों पर पारंपरिक पूजा के साथ-साथ भक्ति और श्रद्धा का एक विशेष भाव देखने को मिला। जहां सामान्यतः लोग अपने परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए अर्घ्य अर्पित करते हैं, वहीं इस बार श्रद्धालुओं ने संत प्रेमानंद जी महाराज के जल्द स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की। महिलाओं ने उपवास रखकर ‘एक अर्घ्य प्रेमानंद जी के नाम’ का संकल्प लिया। घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, पुरुष, महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। सभी के चेहरों पर अपने गुरु के लिए चिंता और भक्ति का मिश्रण साफ झलक रहा था। कॉलोनी के हर गली-मोहल्ले में प्रेमानंद जी के पोस्टर लगे थे, जिनके सामने रुककर लोग श्रद्धा से नमन कर रहे थे। घाट पर वातावरण पूरी तरह भक्तिमय था, जहां हर ओर जयकारों और गीतों की गूंज सुनाई दे रही थी।
पोस्टरों ने खींचा ध्यान, भक्तों ने साझा किए अनुभव
घाटों और आस-पास की गलियों में लगाए गए पोस्टरों ने लोगों का विशेष ध्यान खींचा। इन पोस्टरों पर बड़े अक्षरों में लिखा था-“एक अर्घ्य प्रेमानंद जी के नाम।” यह संदेश वहां आने-जाने वाले हर व्यक्ति के मन में गहराई तक उतर गया। पोस्टरों पर समाजसेवी विशाल तिवारी और उनके सहयोगियों की तस्वीरें भी थीं, जिन्होंने इस आयोजन की प्रेरणा दी। तिवारी ने बताया कि वह पिछले चार-पांच वर्षों से संत प्रेमानंद जी के प्रवचन सुनते आ रहे हैं और इन दिनों उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा, “हम सब यही प्रार्थना करते हैं कि बाबा जल्द स्वस्थ हों ताकि हम दोबारा उनके दर्शन और प्रवचन का लाभ उठा सकें।” वहीं अमन सिंह ने कहा कि बाबा के प्रवचन मन को शांति देते हैं और जीवन की दिशा बदल देते हैं। सर्वेश, जो सोशल मीडिया के माध्यम से प्रेमानंद जी से जुड़े हैं, ने बताया कि “बाबा की बातें सिर्फ सुनने लायक नहीं, बल्कि अपनाने योग्य हैं। वो हमें सिखाते हैं कि जीवन में सही मार्ग क्या है।” महिलाओं ने भी अपने अनुभव साझा किए। समीक्षा तिवारी ने कहा कि “पूरी कॉलोनी बाबा से प्रेरित है।” नेहा तिवारी, जो पहली बार छठ व्रत रख रही थीं, ने अपने परिवार की सुख-समृद्धि के साथ-साथ प्रेमानंद जी की सेहत के लिए भी प्रार्थना की।
बच्चों की मासूम श्रद्धा और भक्तिमय माहौल
सिर्फ वयस्क ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे बच्चे भी प्रेमानंद जी महाराज के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं। दिव्यांशी, हार्दिक और श्रीभय जैसे बच्चों ने बताया कि उनके परिवार में सभी लोग बाबा के प्रवचन सुनते हैं और उनसे अच्छी बातें सीखते हैं। उन्होंने मिलकर बाबा के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना की। दीक्षा तिवारी ने बताया कि “पांच साल पहले ही मैंने उन्हें अपना गुरु मान लिया था। जब कभी जीवन में कठिनाई आती है, तो बाबा का मार्गदर्शन हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।” घाट पर जैसे ही सूरज को अर्घ्य अर्पित किया गया, वैसे ही सभी श्रद्धालुओं ने एक स्वर में “प्रेमानंद महाराज की जय” के नारे लगाए। वातावरण पूरी तरह भक्तिभाव में रंग गया। महिलाएं, पुरुष और बच्चे मिलकर गीत गा रहे थे, और पूरा घाट दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। अंत में विशाल तिवारी, वीरेन्द्र तिवारी, प्रशांत शर्मा, उमेश सिंह, अंश, हार्दिक, अमन और अन्य कॉलोनीवासियों ने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया। इस वर्ष का छठ पर्व ललितपुरम के लोगों के लिए न केवल धार्मिक, बल्कि भावनात्मक रूप से भी यादगार बन गया-क्योंकि इसने यह संदेश दिया कि सच्ची भक्ति केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि अपने गुरु और समाज के कल्याण की भावना से भी जुड़ी होती है।




