गोरखपुर शहर के कैंट क्षेत्र स्थित यूनिवर्सिटी चौराहे पर सोमवार की देर रात एक बड़ा सड़क हादसा हो गया, जब लखनऊ से गोरखपुर आ रही कैसरबाग डिपो की रोडवेज बस अनियंत्रित होकर गोलंबर से जा टकराई। बताया गया कि बस में करीब 45 यात्री सवार थे, जिनमें से 15 लोग घायल हो गए। हादसा रात करीब 12:30 बजे उस वक्त हुआ जब बस चालक ने सामने से तेज गति में आ रही एक डीसीएम को बचाने की कोशिश की। संतुलन बिगड़ने के कारण बस सीधे गोलंबर से जा भिड़ी। टक्कर इतनी तेज थी कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। आसपास मौजूद राहगीरों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी, जिसके बाद कैंट थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने बस चालक बाराबंकी निवासी रामबाबू को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है ताकि दुर्घटना के सटीक कारणों की पुष्टि की जा सके। हादसे के समय बस में मौजूद कई यात्रियों ने बताया कि टक्कर के बाद बस के अंदर अफरा-तफरी मच गई और लोग मदद के लिए चिल्लाने लगे। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से सभी घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया।
ट्रैफिक प्रभावित, क्रेन से हटाई गई बस, घायलों में महिला की हालत नाजुक
दुर्घटना के बाद यूनिवर्सिटी चौराहे पर कुछ समय के लिए ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया। गोलंबर के बीच फंसी बस को पुलिस ने क्रेन की मदद से हटवाया, जिसके बाद धीरे-धीरे यातायात सामान्य हुआ। हादसे में बस्ती जिले के रामनगर की रहने वाली गुजराती देवी (55) गंभीर रूप से घायल हुई हैं, जिनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वे अपने बेटे दुर्गा प्रसाद और परिवार के अन्य 20 सदस्यों के साथ मुंबई जाने के लिए निकली थीं। मंगलवार सुबह उनकी ट्रेन थी, लेकिन हादसे के चलते पूरा परिवार अस्पताल में भर्ती हो गया। दुर्गा प्रसाद और उनके तीन भाई मुंबई के कांदिवली इलाके में डिलीवरी बॉय के रूप में काम करते हैं। हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि बस की रफ्तार सामान्य थी, लेकिन सामने से तेज गति में आ रही डीसीएम के कारण चालक ने अचानक मोड़ लिया, जिससे वाहन का संतुलन बिगड़ गया। इस दौरान बस गोलंबर के पत्थर के घेरे से टकराई और तेज आवाज के साथ रुक गई। स्थानीय लोगों ने घायलों को बाहर निकालने में पुलिस की मदद की। पुलिस ने आसपास के वाहनों को रोककर रास्ता खाली कराया ताकि एंबुलेंस आसानी से मौके पर पहुंच सके।
रोडवेज प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल, जांच के आदेश
हादसे के बाद यह सवाल भी उठने लगे हैं कि रोडवेज विभाग के अधिकारी घटना के एक घंटे बाद तक भी मौके पर क्यों नहीं पहुंचे। यह दुर्घटना रोडवेज रेलवे बस स्टेशन से महज 200 मीटर की दूरी पर हुई थी, फिर भी न तो डिपो प्रबंधन और न ही रोडवेज प्रशासन का कोई कर्मचारी घटनास्थल पर नजर आया। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने तुरंत संबंधित विभाग को सूचना दी थी, लेकिन देर तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। इस लापरवाही को देखते हुए जिला प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश जारी किए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि बस चालक ने दुर्घटना से बचने की कोशिश में वाहन को अचानक मोड़ा, जिससे वह असंतुलित हो गई। वहीं यात्रियों ने आरोप लगाया कि सड़क पर पर्याप्त रोशनी नहीं थी और गोलंबर के पास संकेतक या रिफ्लेक्टर लाइट्स की व्यवस्था कमजोर थी, जिससे चालक को मोड़ का सही अंदाजा नहीं लग पाया। पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है और तकनीकी जांच के लिए परिवहन विभाग को सूचित किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सभी घायलों का जिला अस्पताल में इलाज जारी है और पुलिस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।




