गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के झंगहा थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हो गया जब यात्रियों से भरी नाव अचानक पलट गई। यह हादसा करही घाट के पास गोर्रा नदी में हुआ, जहां आठ लोग नाव पर सवार थे, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल थे। ग्रामीणों ने तुरंत नदी में कूदकर सात लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन 15 वर्षीय कृष्ण चतुर्वेदी नदी की तेज धार में बह गया। घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और देखते ही देखते नदी किनारे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सूचना मिलते ही झंगहा पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और किशोर की तलाश शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि नाव की स्थिति बेहद खराब थी और चालक नशे में था, जिसके चलते यह हादसा हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाव पर यात्रियों के साथ पांच मोटरसाइकिलें भी लदी थीं, जो नाव पलटने के बाद नदी में समा गईं। नाव करही, बरही और डीहघाट की ओर जा रही थी, तभी अचानक इंजन स्टार्ट करने पर नाव एक ठोकर से टकराई, उसका हिस्सा टूट गया और पानी भरने लगा। कुछ ही पलों में नाव उलट गई, जिससे सवार लोग पानी में गिर पड़े। कई लोगों ने तैरकर अपनी जान बचाई, जबकि कुछ ग्रामीणों ने डूबते यात्रियों को खींचकर किनारे लाया। हादसे के बाद से नदी किनारे मातम पसरा हुआ है और ग्रामीणों के चेहरों पर डर और गुस्से के भाव साफ झलक रहे हैं।
पिता की आंखों के सामने बह गया बेटा: वडोदरा में पढ़ाई और क्रिकेट प्रशिक्षण ले रहा था कृष्ण
लापता किशोर की पहचान झंगहा थाना क्षेत्र के जोगिया गांव निवासी मदनेश चतुर्वेदी के बेटे कृष्ण चतुर्वेदी (15) के रूप में हुई है। वह पिता मदनेश और अपने भतीजे के साथ नाव में सवार होकर डीहघाट की ओर जा रहा था। हादसे के वक्त पिता ने बेटे का हाथ पकड़ रखा था, लेकिन नाव पलटने पर अचानक झटका लगने से हाथ छूट गया और कृष्ण पानी में बह गया। पिता मदनेश का रो-रोकर बुरा हाल है। वह घाट पर बैठकर बार-बार यही कहते रहे — “बेटे का हाथ पकड़ा था, लेकिन झटका लगा और छूट गया… भतीजा बच गया, बेटा चला गया।” परिवार के अनुसार, कृष्ण वडोदरा में रहकर हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के साथ क्रिकेट की ट्रेनिंग भी ले रहा था। उसका सपना एक दिन बड़ा क्रिकेटर बनने का था। दीपावली की छुट्टियों में वह घर आया हुआ था और इसी दौरान यह दर्दनाक हादसा हो गया। पांच साल पहले उसकी बड़ी बहन की बीमारी से मौत हो गई थी, अब कृष्ण ही घर का इकलौता बेटा था। हादसे के बाद उसकी मां सुमन चतुर्वेदी बेसुध हो गईं। गांव में हर किसी की आंखें नम हैं और लोग परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं। किशोर के साथ पढ़ने वाले दोस्तों और पड़ोसियों ने बताया कि कृष्ण न केवल पढ़ाई में अच्छा था बल्कि खेलकूद में भी बेहद होनहार था, और गांव का हर व्यक्ति उस पर गर्व करता था।
जांच के आदेश, जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तैयारी: SDRF की खोज अभियान जारी
हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन ने तत्काल राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया। चौरीचौरा के क्षेत्राधिकारी अनुराग सिंह ने बताया कि स्थानीय लोगों के अनुसार नाव जर्जर थी और चालक शराब के नशे में था। यह सरकारी नाव थी जो नदी पार करने के लिए उपयोग की जा रही थी क्योंकि पहले यहां पीपा पुल बनाया गया था, जो पानी बढ़ने से बंद कर दिया गया था। प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। जिला अधिकारी दीपक मीणा और एसएसपी राज करण नैयर भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जल्द ही यहां एक स्थायी पुल का निर्माण किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाएं न हों। SDRF की टीम गोताखोरों के साथ लगातार किशोर की तलाश में जुटी है, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। नदी की तेज धार और गहराई के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। इस हादसे ने प्रशासनिक लापरवाही और ग्रामीण इलाकों में परिवहन व्यवस्था की बदहाली को फिर से उजागर कर दिया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि पुरानी और खराब नौकाओं को तुरंत बंद किया जाए और सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था की जाए। वहीं, कृष्ण की मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है, और लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक ऐसी लापरवाहियां निर्दोष लोगों की जान लेती रहेंगी। गोरखपुर के इस दर्दनाक हादसे ने जिले को झकझोर दिया है और प्रशासन के लिए यह चेतावनी बन गया है कि अब केवल जांच नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की जरूरत है।




