गोरखपुर में भाजपा विधायक महेंद्र पाल सिंह के सगे भाई भोलेंद्र पाल सिंह पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनके OSD और एक अन्य विधायक के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में तीन दिनों के भीतर चार थानों में कुल छह एफआईआर दर्ज की गईं। भोलेंद्र ने गुरुवार रात फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी, जो देखते ही देखते वायरल हो गई। परिवार के लोगों ने विवाद बढ़ने पर पोस्ट डिलीट कर दी, लेकिन तब तक मामला पुलिस तक पहुंच गया। भोलेंद्र फरार चल रहा है और पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जुटी हुई हैं। एसएसपी ने बताया कि क्राइम ब्रांच सहित कई थानों की टीमें उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही हैं। मामले ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तनाव बढ़ा दिया है क्योंकि पोस्ट को लेकर जातीय और सामुदायिक आक्रोश सामने आ रहा है।
ईंट-भट्ठे पर छापा, कच्ची शराब के सबूत बरामद
शनिवार रात प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने भोलेंद्र के बेला कांटा स्थित ईंट-भट्ठे पर छापा मारा। SDM सदर दीपक गुप्ता, आबकारी विभाग और पुलिस की कार्रवाई में भारी मात्रा में लहन, 15 लीटर अपमिश्रित कच्ची शराब और 200 ग्राम यूरिया बरामद हुई। शुरुआती जांच में पाया गया कि ईंट-भट्ठा बिना आवश्यक क्लियरेंस के अवैध रूप से संचालित हो रहा था। तीन ट्रैक्टर और दो ट्रॉली, जिनका उपयोग कृषि कार्यों के बजाय व्यावसायिक कामों में किया जा रहा था, जब्त कर लिए गए। पुलिस ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहनों को सीज किया गया है और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित कई विभागों को रिपोर्ट भेजी जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि शासन स्तर से जल्द ही ईंट-भट्ठे को सील करने का आदेश जारी हो सकता है।
विधायक ने जताई दूरी, कहा- CM से माफी मांगता हूं
इस पूरे मामले पर पिपराइच से लगातार दूसरी बार विधायक बने महेंद्र पाल सिंह ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका अपने भाई भोलेंद्र से बीते 20-25 वर्षों से कोई संबंध नहीं है और दोनों अलग रहते हैं। उन्होंने कहा, “खून का रिश्ता जरूर है, लेकिन मैं मुख्यमंत्री और OSD से दिल से माफी मांगता हूं। मेरे काम और विचार मेरे भाई से अलग हैं।” विधायक ने यह भी कहा कि उन्हें साजिश की आशंका है क्योंकि उनके खिलाफ राजनीतिक विरोधी माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने अब तक इस मामले में कोई सिफारिश नहीं की और वे पूरी तरह से कानून के साथ खड़े हैं।
कब और कहां दर्ज हुईं FIR
- 29 अगस्त: साइबर थाने में मीडिया सेल के कॉन्स्टेबल की तहरीर पर आईटी एक्ट और भड़काऊ सामग्री फैलाने के आरोप में पहली FIR।
- 29 अगस्त: रामगढ़ताल थाने में समाज में घृणा फैलाने और शांति भंग की आशंका को लेकर दूसरी FIR।
- 30 अगस्त: पिपराइच थाने में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में तीसरी FIR।
- 30 अगस्त: खोराबार थाने में जातीय आक्रोश भड़काने वाली टिप्पणी पर चौथी FIR।
- 31 अगस्त: आबकारी विभाग ने पिपराइच थाने में कच्ची शराब और यूरिया मिलने पर पांचवीं FIR दर्ज कराई।
- 31 अगस्त: पूर्व चेयरमैन जितेंद्र कुमार जायसवाल की तहरीर पर पिपराइच थाने में छठी FIR दर्ज की गई, जिसमें मुख्यमंत्री पर अभद्र टिप्पणी का आरोप शामिल है।
निष्कर्ष
गोरखपुर में भाजपा विधायक के भाई से जुड़ा यह मामला राजनीतिक हलकों में चर्चा का बड़ा विषय बन गया है। एक ओर सोशल मीडिया पोस्ट ने सामुदायिक तनाव पैदा किया, वहीं दूसरी ओर ईंट-भट्ठे पर छापे में अवैध गतिविधियां सामने आ गईं। पुलिस की कार्रवाई और लगातार दर्ज हो रही एफआईआर ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। विधायक महेंद्र पाल सिंह ने मामले से खुद को अलग बताते हुए मुख्यमंत्री से माफी मांग ली है, लेकिन भोलेंद्र की फरारी और विवादास्पद बयान ने कानून-व्यवस्था की चुनौती बढ़ा दी है। अब निगाहें पुलिस की कार्रवाई और प्रशासनिक निर्णयों पर टिकी हैं कि आगे इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं।