गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में दिवाली उत्सव के बाद शहर की वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में रेड जोन के पार पहुंच गया है, जिससे लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर का प्रदूषण लंबे समय तक रहने वाले लोगों में रेस्पिरेटरी बीमारियों, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ा देता है। दिवाली के दौरान जलाए गए फायरक्रैकर्स, बढ़ता ट्रैफिक और औद्योगिक गतिविधियां प्रदूषण में मुख्य योगदान देती हैं। इसके अलावा, सर्दियों में स्मॉग बनने की वजह से प्रदूषक लंबे समय तक हवा में बने रहते हैं और AQI और खराब हो जाता है।
विभिन्न क्षेत्रों में AQI का आंकलन
MMMUT के आसपास के रेसिडेंशियल इलाकों में 20 अक्टूबर को AQI 240 दर्ज किया गया, जबकि PM10 का स्तर 289.83 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया, जो सामान्य सीमा से कई गुना अधिक है। इंडस्ट्रियल एरिया में स्थिति और भी गंभीर रही, जहां 20 अक्टूबर को AQI 364 और PM10 401.16 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड हुआ। गोलघर और जलकल भवन स्थित कमर्शियल एरिया में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक रहा, 20 अक्टूबर को AQI 321 और PM10 366.84 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंचा। स्थानीय लोगों ने बताया कि स्मॉग और धुंध के कारण सांस लेने में परेशानी बढ़ गई है और बच्चों व बुजुर्गों में स्वास्थ्य समस्याएं ज्यादा देखी जा रही हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी और समाधान
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस स्तर की हवा में लंबे समय तक रहना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। उन्होंने नागरिकों को सलाह दी है कि बाहर निकलते समय मास्क पहनें, घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और छोटे बच्चों व बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहें। प्रशासन ने भी लोगों को चेताया है कि फायरक्रैकर्स और अनावश्यक वाहन चलाने से बचें। आने वाले दिनों में, यदि प्रदूषण की यह स्थिति जारी रही, तो शहर में स्वास्थ्य संबंधी संकट और सामाजिक गतिविधियों पर भी असर पड़ सकता है। गोरखपुरवासियों के लिए यह एक गंभीर संकेत है कि प्रदूषण नियंत्रण और व्यक्तिगत सुरक्षा के उपाय तुरंत अपनाए जाएं।