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आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को चेतावनी: 2 दिन में फेस रिकग्निशन पूरा नहीं किया तो रुकेगा मानदेय, सेवा समाप्ति की भी तैयारी

बाल विकास विभाग का कड़ा निर्देश, गोरखपुर में अब तक 64% लाभार्थियों का ही हुआ प्रमाणीकरण

Gorakhpur me Anganwadi workers ko diya gaya face recognition pura karne ka ultimatum

गोरखपुर में अनुपूरक पोषाहार वितरण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बाल विकास विभाग ने 1 जुलाई से फेस रिकग्निशन सिस्टम शुरू किया है। इस व्यवस्था के तहत लाभार्थियों को पोषाहार तभी मिलेगा जब उनका चेहरा डिजिटल तरीके से प्रमाणीकरण किया जाएगा। लेकिन जुलाई और अगस्त माह के बीच कई आंगनबाड़ी केंद्रों ने इस प्रक्रिया को गंभीरता से नहीं लिया। जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अभिनव कुमार मिश्रा ने सभी कार्यकत्रियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि तय समय में प्रमाणीकरण पूरा न होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। विभाग के अनुसार, अभी तक जिले में केवल 64 प्रतिशत लाभार्थियों का ही फेस रिकग्निशन पूरा हो सका है जबकि 35 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों का डेटा लंबित है।

मानदेय रोकने और सेवा समाप्ति की चेतावनी

बाल विकास विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि अगले दो दिनों में फेस रिकग्निशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो लापरवाह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय रोक दिया जाएगा। इतना ही नहीं, लगातार लापरवाही पर जिलाधिकारी स्तर से सेवा समाप्ति की कार्रवाई भी की जाएगी। विभाग ने कहा कि अब केवल वही लाभार्थी पोषाहार प्राप्त कर पाएंगे जिनका चेहरा सिस्टम में प्रमाणित होगा। इस बीच कम प्रगति दिखाने वाले बाल विकास परियोजना अधिकारियों को चेतावनी दी गई है और मुख्य सेविकाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। कार्यकत्रियों की निगरानी और जवाबदेही तय करने के लिए सभी ब्लॉकों में रिपोर्टिंग सिस्टम को और कड़ा किया गया है।

अंतिम तिथि नजदीक, दबाव में कार्यकत्रियां

फेस रिकग्निशन की अंतिम तिथि 31 अगस्त तय की गई है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तारीख के बाद किसी भी अप्रमाणित लाभार्थी को पोषाहार नहीं दिया जाएगा। कई विकास खंडों में लाभार्थियों ने प्रक्रिया में रुचि नहीं दिखाई, वहीं कई कार्यकत्रियों पर लगातार लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त पोषण वितरण है। यदि समय पर लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो जिम्मेदार कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।


गोरखपुर में फेस रिकग्निशन आधारित पोषण वितरण व्यवस्था को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को अब केवल दो दिन की मोहलत है। इस बीच यदि प्रमाणीकरण का कार्य पूरा नहीं हुआ तो न केवल उनका मानदेय रुकेगा, बल्कि सेवा समाप्ति तक की कार्रवाई हो सकती है। यह कदम पारदर्शी व्यवस्था और वास्तविक लाभार्थियों तक पोषण पहुंचाने के लिए अहम माना जा रहा है।

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