गोरखपुर पुलिस ने नशे के कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 17 लाख रुपए मूल्य के अमेरिकन गांजे की खेप बरामद की है। शनिवार को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) और कैंट थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने एक युवक को गिरफ्तार किया जो बीते कई महीनों से गांजा की तस्करी में सक्रिय था। पकड़े गए आरोपी की पहचान देवरिया जिले के भाटपार रानी थाना क्षेत्र के टीकमपार निवासी अभिषेक यादव उर्फ पुच्ची के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार अभिषेक गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के चरगांवा स्थित ईडब्ल्यूएस-50 कॉलोनी में किराए पर रहकर नशे के कारोबार को अंजाम दे रहा था। शनिवार को पुलिस को सूचना मिली कि अभिषेक अपनी कार से किसी डिलीवरी के लिए निकला है। टीम ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया और वाहन की तलाशी के दौरान लगभग 170 ग्राम उच्च गुणवत्ता वाला अमेरिकन गांजा बरामद किया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 17 लाख रुपये आंकी गई। पुलिस ने मौके पर ही उसकी कार को जब्त कर लिया और एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरफ्तारी नशे के एक बड़े नेटवर्क से जुड़ी हुई है, जिसका संचालन गोरखपुर और लखनऊ दोनों शहरों से किया जा रहा है।
लखनऊ में पकड़े गए तस्करों ने खोला गोरखपुर कनेक्शन, सामने आया फर्जी दरोगा प्रनीत तिवारी का नाम
इस गिरफ्तारी की कड़ी लखनऊ में दो दिन पहले हुई कार्रवाई से भी जुड़ी है। गुरुवार की रात लखनऊ एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और मड़ियांव पुलिस ने यादव चौराहा क्षेत्र से दो मादक पदार्थ तस्करों – प्रतापगढ़ जिले के कंधई थाना क्षेत्र निवासी सूरज सिंह और सत्यम — को गिरफ्तार किया था। उनके पास से दो किलो अमेरिकन गांजा, तीन मोबाइल फोन और एक कार बरामद हुई थी। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे गोरखपुर के दाऊदपुर निवासी एक व्यक्ति प्रनीत तिवारी से गांजा खरीदते थे, जो खुद को पुलिस अधिकारी बताकर तस्करी करता है। बताया गया कि प्रनीत अपनी कार में दरोगा की कैप रखकर यात्रा करता था ताकि चेकिंग के दौरान किसी को संदेह न हो। दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि प्रनीत के साथ देवरिया निवासी अभिषेक यादव भी इस धंधे में उसका मुख्य सहयोगी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन दोनों ने अब तक करीब 14 से 15 बार अमेरिकन गांजे की आपूर्ति की थी और लखनऊ समेत कई जिलों में तस्करी नेटवर्क फैला रखा था। लखनऊ पुलिस द्वारा दिए गए इस इनपुट के आधार पर गोरखपुर पुलिस ने अभियान चलाया और अभिषेक यादव को गिरफ्तार किया। वहीं, प्रनीत तिवारी के आईआईएम रोड स्थित अपार्टमेंट पर भी छापेमारी की गई, लेकिन वह फरार हो गया। पुलिस अब उसकी तलाश में कई संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।
तस्करों का नेटवर्क राज्यों की सीमाओं तक फैला, पुलिस ने शुरू की संयुक्त जांच
एएनटीएफ और स्थानीय पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह मामला एक संगठित अंतरराज्यीय नेटवर्क से जुड़ा है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में गांजे की सप्लाई करता है। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी प्रनीत तिवारी ने अपने नेटवर्क में कई युवकों को शामिल कर रखा था, जिन्हें वह अवैध मादक पदार्थों की डिलीवरी के लिए इस्तेमाल करता था। पुलिस ने बताया कि जिस कार से अभिषेक यादव पकड़ा गया, वह संभवतः प्रनीत के नाम पर रजिस्टर्ड है और इसे कई बार सीमावर्ती जिलों में ले जाया गया था। जांच एजेंसियां अब फोन कॉल रिकॉर्ड, बैंक लेनदेन और डिजिटल चैट्स की जांच कर रही हैं ताकि नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सके। गोरखपुर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल मुख्य सरगना प्रनीत तिवारी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई है। इस बीच, लखनऊ और गोरखपुर की एएनटीएफ टीमें संयुक्त रूप से तस्करी के स्रोत और सप्लाई चैन का पता लगाने में जुटी हैं। अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकन गांजा, जिसे हाई-पोटेंसी कैनबिस कहा जाता है, हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश के शहरी इलाकों में तेजी से फैल रहा है और इसे रोकने के लिए राज्यस्तरीय अभियान चलाए जा रहे हैं। पुलिस का अनुमान है कि यह नेटवर्क सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड चैट ऐप्स का उपयोग कर ऑर्डर लेता था और डिलीवरी के लिए स्थानीय स्तर पर युवाओं को किराए पर रखता था। इस पूरे प्रकरण से स्पष्ट है कि गोरखपुर से लेकर लखनऊ तक फैले इस नेटवर्क ने पुलिस की सतर्कता के बावजूद अपनी जड़ें मजबूत कर ली थीं। फिलहाल पुलिस द्वारा बरामद माल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है और यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस गिरोह के और सदस्य भी गिरफ्त में आ सकते हैं।




