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गोरखपुर में छठ के दिन गैंगवार का तांडव: AK-47 और रेड गैंग के बीच हुई फायरिंग, अब तक 22 आरोपी गिरफ्तार

टैटू और लाल बाल बने पहचान, सोशल मीडिया पर शुरू हुई दुश्मनी पहुंची गोलीबारी तक; पुलिस ने की सख्त कार्रवाई, फरार आरोपियों की तलाश जारी

Gorakhpur gang war AK-47 and Red Gang clash during Chhath | Gorakhpur News

गोरखपुर में छठ पर्व के दिन हुई गोलीबारी ने पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश को हिला दिया। मंगलवार को पुलिस ने इस मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसके बाद अब तक कुल 22 बदमाशों को जेल भेजा जा चुका है। जांच में सामने आया कि यह गैंगवार दो कुख्यात गिरोहों – AK-47 और रेड गैंग – के बीच हुई, जिनकी पहचान उनके टैटू और बालों के रंग से की जाती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन गिरोहों में नाबालिग और कॉलेज जाने वाले युवा तक शामिल हैं, जो एक व्हाट्सऐप मैसेज पर हिंसा के लिए एकजुट हो जाते थे। महाराजगंज निवासी महावीर नामक युवक ने कुछ वर्ष पहले पढ़े-लिखे युवाओं का एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया था, जो शुरुआत में आपसी सहयोग के लिए बनाया गया था, लेकिन धीरे-धीरे यह गिरोहबाजी का रूप लेने लगा। 2025 में महावीर की मौत के बाद यह समूह दो हिस्सों में बंट गया – एक ने खुद को “AK-47 गैंग” नाम दिया, जबकि दूसरे ने “रेड गैंग” बनाकर खुद को प्रतिद्वंद्वी घोषित कर दिया। एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ में दोनों गिरोह सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ तस्वीरें और धमकी भरे वीडियो साझा करने लगे। AK-47 गैंग के सदस्यों ने अपने शरीर पर उसी नाम का टैटू बनवाया, जबकि रेड गैंग के युवाओं ने अपने बाल लाल रंग में रंगवा लिए। सोशल मीडिया की यह आभासी लड़ाई जल्द ही वास्तविक हिंसा में बदल गई।

छठ के दिन पीपीगंज में मची दहशत

27 अक्टूबर की शाम, जब लोग छठ पूजा में व्यस्त थे, तभी गोरखपुर के पीपीगंज क्षेत्र के अकटहवा गांव में दोनों गैंग आमने-सामने आ गए। देखते ही देखते विवाद मारपीट में और फिर फायरिंग में बदल गया। चश्मदीदों के मुताबिक, दोनों पक्षों ने हॉकी, डंडे और अवैध असलहों से एक-दूसरे पर हमला बोल दिया। इलाके में गोलियों की आवाज गूंजने लगी और कुछ देर के लिए पूरा क्षेत्र दहशत में आ गया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी एस. चनप्पा ने विशेष टीम गठित की। एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में पीपीगंज और महाराजगंज जिले की पनियरा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने पहले ही सप्ताह में दस आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि मंगलवार को तीन और युवकों – पनियरा निवासी सनी कनौजिया, चिलुआताल के बलुआ गांव के बालकिशुन और मुहद्दीनपुर के सचिन यादव – को पकड़ा गया। गिरफ्तार आरोपियों में से एक के हाथ पर AK-47 का टैटू बना हुआ है, जिससे उनकी गिरोह से संबद्धता की पुष्टि हुई। अब तक कुल 22 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें सात नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है। घटना के बाद प्रशासन ने लापरवाही बरतने पर कैंपियरगंज के सीओ और पीपीगंज थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।

पुलिस की सख्त कार्रवाई और भविष्य की रणनीति

गोरखपुर पुलिस ने इस गैंगवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा मानते हुए व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू की है। फरार अपराधियों की तलाश में पीपीगंज और पनियरा पुलिस ने अकटहवा पुल पर अस्थायी कैंप स्थापित किया है, जहां से रातभर गांवों में छापेमारी की जा रही है और दिन में परिजनों व स्थानीय लोगों से पूछताछ जारी है। क्षेत्र में अब भी तनाव का माहौल बना हुआ है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी फरार आरोपियों की पहचान वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के जरिए की जा रही है। घटना के बाद पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विशेष निगरानी बढ़ा दी है। सभी स्थानीय व्हाट्सऐप ग्रुपों पर नजर रखी जा रही है ताकि कोई भी हिंसात्मक संदेश या वीडियो वायरल न हो सके। एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि “घटना में शामिल सभी व्यक्तियों की पहचान की जा चुकी है, और कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा। जो भी युवक इस तरह के अपराधी समूहों से जुड़े पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जो भी व्यक्ति ऐसे किसी ऑनलाइन ग्रुप या गिरोह से जुड़ा रहेगा, जो हिंसा या अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता है, उस पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं, प्रशासन ने पीपीगंज और आसपास के इलाकों में सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती कर दी है ताकि माहौल शांत रहे और कोई नई वारदात न हो। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों गिरोहों के बीच विवाद की जड़ सोशल मीडिया पर वर्चस्व की लड़ाई थी, जो अंततः गोलीबारी तक पहुंच गई। इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गोरखपुर और आसपास के जिलों में तेजी से बढ़ रहे युवाओं के गैंग कल्चर को रोकने के लिए प्रशासन को अब सख्त नीतिगत कदम उठाने होंगे।

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