गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर हवाई अड्डे पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा हिंदी पखवाड़ा के अवसर पर प्रारूप लेखन और अनुवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना और अधिकारियों व कर्मचारियों में राजभाषा के महत्व के प्रति जागरूकता पैदा करना था। इस अवसर पर कर्मचारियों ने न केवल उत्साहपूर्वक भाग लिया बल्कि अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का भी शानदार प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के कार्य का मूल्यांकन करने के लिए एक निर्णायक मंडल गठित किया गया, जिसकी अध्यक्षता अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर के डॉ. अरुण पांडेय ने की। निर्णायक मंडल में विमानपत्तन निदेशक आर. के. पाराशर और सहायक महाप्रबंधक (संचार) व नोडल राजभाषा अधिकारी विजय कुमार भी शामिल रहे। मंडल ने निष्पक्षता और उच्च मानकों को ध्यान में रखते हुए प्रतियोगिता का मूल्यांकन किया।
कविता और व्याख्यान ने बढ़ाया कार्यक्रम का आकर्षण
प्रतियोगिता के साथ-साथ आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने पूरे आयोजन को और भी खास बना दिया। इस अवसर पर डॉ. अरुण पांडेय और विजय कौशल ने अपनी कविताओं के माध्यम से हिंदी साहित्य और काव्य शैली की सुंदरता को उजागर किया। उनकी कविताओं ने न केवल श्रोताओं को भावविभोर किया बल्कि भाषा की ताकत और उसकी रचनात्मकता को भी सामने रखा। वहीं, विमानपत्तन निदेशक आर. के. पाराशर ने हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति, उसके महत्व और राजभाषा नीति पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कैसे हिंदी प्रशासनिक कार्यों में सरलता और प्रभावशीलता ला सकती है और देश की एकता में इसकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। उनके संबोधन ने अधिकारियों और कर्मचारियों को हिंदी के प्रयोग की दिशा में प्रेरित किया और इसके व्यापक उपयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
हिंदी पखवाड़ा में रचनात्मक पहल और भविष्य की प्रतिबद्धता
यह प्रतियोगिता 14 से 29 सितंबर 2025 तक आयोजित हिंदी पखवाड़ा का हिस्सा रही। इस अवधि में गोरखपुर एयरपोर्ट पर कई गतिविधियों के माध्यम से राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने की पहल की गई। प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी ने इस आयोजन को सफल और सार्थक बना दिया। कार्यक्रम ने न केवल कर्मचारियों की प्रतिभा को मंच प्रदान किया बल्कि प्रशासनिक कार्यों में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में ठोस कदम भी बढ़ाया। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, गोरखपुर हवाई अड्डा ने आश्वस्त किया कि भविष्य में भी इस तरह के रचनात्मक और जागरूक प्रयास जारी रहेंगे, ताकि हिंदी का प्रशासनिक और सांस्कृतिक महत्व और भी मजबूत हो सके। इस आयोजन ने यह संदेश स्पष्ट किया कि हिंदी केवल संवाद की भाषा नहीं, बल्कि एकता, संस्कृति और प्रेरणा का आधार है।