गोरखपुर जिले में किसानों से सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर घूस मांगने का मामला सामने आया है। कृषि विभाग के वरिष्ठ सहायक रविराज शर्मा पर किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने अनुदान की राशि जारी करने के लिए प्रति व्यक्ति 10 प्रतिशत कमीशन मांगा। शिकायत सीधे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही तक पहुंची। शिकायतों की जांच के बाद संयुक्त कृषि निदेशक अरविंद सिंह ने रविराज शर्मा को निलंबित करने का आदेश दिया।
कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) कंचन आभा फार्मर सरदारनगर, कैंची कैट फार्मर पिपराइच और चौरी चौरा ऑर्गेनिक फार्मर सरदारनगर से जुड़े किसान—संतोष मणि त्रिपाठी, संजय कुमार कश्यप, सीताराम यादव, मुकेश, शिवा सिंह, अनिल और तारकेश्वर यादव ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाए थे।
घूस देने के बाद भी नहीं मिला अनुदान
किसानों ने बताया कि उनके दस्तावेज समय पर जमा कर दिए गए थे और कृषि यंत्रों का सत्यापन भी विभाग की ओर से करा लिया गया था। इसके बावजूद उन्हें अनुदान नहीं मिला। चौरीचौरा क्षेत्र के बंसहिया निवासी किसान संतोष मणि त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि 26 जुलाई को 20 हजार रुपये कार्यालय के बाहर रविराज शर्मा को देने पड़े। उस समय अन्य दो किसान भी मौजूद थे। बावजूद इसके उन्हें अनुदान की राशि नहीं दी गई। किसानों ने इसे विभागीय भ्रष्टाचार का गंभीर उदाहरण बताया।
देवरिया में प्राविधिक सहायक भी निलंबित
इसी क्रम में देवरिया जिले में कार्यरत प्राविधिक सहायक ग्रुप बी अमित कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है। बताया गया कि वे लंबे समय से बिना सूचना दिए अनुपस्थित रहते थे। 23 अगस्त को कृषि मंत्री के निरीक्षण के दौरान भी वे गायब मिले। इसके बाद मंत्री के निर्देश पर संयुक्त कृषि निदेशक ने तत्काल निलंबन की कार्रवाई की।
किसानों की शिकायत पर की गई इस कार्रवाई ने विभागीय कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अब देखना होगा कि निलंबन के बाद जांच में दोषियों पर और क्या कदम उठाए जाते हैं, ताकि किसानों को भविष्य में योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के मिल सके।




