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गोरखपुर में आप नेता की हत्या के आरोपी बाप-बेटे ने किया सरेंडर

अभिषेक और हिमालय पांडेय ने सिविल कोर्ट में दी आत्मसमर्पण की अर्जी, पुलिस कस्टडी में भेजे गए जेल

Gorakhpur News: AAP leader death sparks violence, SHO injured in stone pelting

गोरखपुर में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता कुंजबिहारी निषाद की हत्या के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय और उनके पिता हिमालय पांडेय ने शुक्रवार को सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। 23 अगस्त को हुए इस विवाद में 50 हजार रुपये की बकाया रकम को लेकर कुंजबिहारी पर अभिषेक और उसके सहयोगियों ने हमला किया था। गंभीर रूप से घायल कुंजबिहारी की 26 अगस्त को इलाज के दौरान मैरी गोल्ड हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद गोरखपुर में जमकर बवाल हुआ था और पुलिस पर पथराव तक किया गया। घटना के बाद से फरार पिता-पुत्र को पुलिस लगातार दबिश देकर तलाश रही थी। आखिरकार दबाव बढ़ने पर दोनों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

विवाद से लेकर हत्या तक का सिलसिला

जानकारी के अनुसार गोरखनाथ थाना क्षेत्र के रामपुर नयागांव निवासी कुंजबिहारी बिल्डिंग मटेरियल का कारोबार करते थे। उनके पड़ोसी अभिषेक पांडेय ने घर के निर्माण के लिए उनसे गिट्टी और बालू लिया था, जिसका 50 हजार रुपये बकाया था। 23 अगस्त की शाम कुंजबिहारी अपने साले हेमंत के साथ यह रकम मांगने अभिषेक के घर पहुंचे। इसी दौरान कहासुनी बढ़ी और आरोप है कि अभिषेक, उसके पिता हिमालय और 10-12 अन्य लोगों ने लाठी, रॉड और पटरे से उन पर हमला कर दिया। हमले में हेमंत भी घायल हुए जबकि कुंजबिहारी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें पहले मैरी गोल्ड हॉस्पिटल और फिर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां 26 अगस्त को उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मौत की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में लोग हॉस्पिटल पहुंच गए और हंगामा करने लगे। इस दौरान पुलिस पर ईंट-पत्थर और नारियल के गोले फेंके गए, जिससे गोरखनाथ थाने के इंस्पेक्टर शशिभूषण राय समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

एफआईआर, हंगामे और अब सरेंडर

घटना के बाद घायल अवस्था में खुद कुंजबिहारी ने अभिषेक पांडेय, उसके पिता हिमालय पांडेय और 12 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ गोरखनाथ थाने में जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज कराई थी। उनकी मौत के बाद केस हत्या में बदल गया। गोरखनाथ पुलिस ने सहजनवां निवासी एक आरोपी अर्जुन पांडेय को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं, मुख्य आरोपी पिता-पुत्र फरार चल रहे थे। पुलिस ने गोरखपुर और संतकबीरनगर जिले में उनके ठिकानों पर कई बार दबिश दी। शुक्रवार को अभिषेक और हिमालय ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों से पूछताछ की जा रही है और विवेचना पूरी होने पर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

गोरखपुर का यह मामला न केवल आपराधिक विवाद बल्कि स्थानीय राजनीति से भी जुड़ा माना जा रहा है। कुंजबिहारी ने नगर पार्षद का चुनाव लड़ा था और उन्हें अच्छी खासी संख्या में वोट मिले थे। माना जा रहा था कि इस बार उनकी जीत लगभग तय थी। उनकी मौत और उसके बाद हुए बवाल ने इलाके के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को काफी प्रभावित किया है। अदालत में सरेंडर के बाद अब पुलिस की अगली चुनौती शेष आरोपियों को पकड़ना और केस को न्यायिक निष्कर्ष तक पहुंचाना है।


गोरखपुर के चर्चित आप नेता हत्याकांड में मुख्य आरोपी बाप-बेटे का सरेंडर पुलिस दबाव और जनता के गुस्से का नतीजा है। यह घटना बताती है कि मामूली विवाद और आर्थिक लेन-देन भी किस तरह हिंसक रूप ले सकता है। अब जिम्मेदारी न्याय व्यवस्था पर है कि आरोपियों को सख्त सजा दिलाकर पीड़ित परिवार को न्याय मिले और समाज में कानून का डर कायम हो।

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