गोरखपुर के गोरखनाथ थाना क्षेत्र में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता कुंज बिहारी निषाद की मौत के बाद बड़ा बवाल खड़ा हो गया। मंगलवार को इलाज के दौरान मौत की सूचना जैसे ही फैली, बड़ी संख्या में उनके समर्थक मेरीगोल्ड हॉस्पिटल के बाहर जमा हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। भीड़ ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया, जिसमें गोरखनाथ थाने के एसएचओ शशिभूषण राय समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए बल प्रयोग किया और मौके पर अतिरिक्त फोर्स बुलाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए वीडियो फुटेज खंगाले गए और संदिग्धों की पहचान की गई।
हत्या के मामले से जुड़ा विवाद और जांच
मामले की जड़ 50 हजार रुपये के बकाए से जुड़ी बताई जा रही है। रामपुर नयागांव निवासी कुंज बिहारी बिल्डिंग मटेरियल का कारोबार करते थे। उनका विवाद मोहल्ले के अभिषेक पांडेय और उसके पिता हिमालय पांडेय से हो गया था। आरोप है कि 23 अगस्त की शाम अभिषेक और उसके सहयोगियों ने लाठी, रॉड और पटरे से कुंज बिहारी और उनके साले हेमंत निषाद पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल कुंज बिहारी को पहले स्थानीय हॉस्पिटल, फिर जिला अस्पताल और अंततः बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान हालत में सुधार न होने पर उन्हें वापस मेरीगोल्ड हॉस्पिटल लाया गया, जहां मंगलवार को उनकी मौत हो गई। कुंज बिहारी की मौत के बाद गुस्साए समर्थकों ने हॉस्पिटल में तोड़फोड़ भी की। घटना के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस की कार्रवाई और फरार आरोपी
पुलिस ने पथराव और उपद्रव में शामिल आठ संदिग्धों को देर रात नयागांव और बनकटवां क्षेत्रों से हिरासत में लिया। इनमें से छह की पहचान हो चुकी है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि वीडियो फुटेज और स्थानीय जानकारी के आधार पर उपद्रवियों की सूची तैयार की जा रही है। जिन लोगों के नाम सामने आएंगे, उन्हें विवेचना में शामिल किया जाएगा। वहीं हत्या के मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय और उसके पिता हिमालय पांडेय के नेपाल भागने की सूचना है। पुलिस उनके रिश्तेदारों और संपर्क सूत्रों के जरिए गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है। एक आरोपी को पहले ही सहजनवां से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। शेष आरोपियों की लोकेशन संतकबीरनगर में मिली है, जहां दबिश दी जा रही है।
गोरखपुर की इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि निजी विवाद कैसे तेजी से सामूहिक हिंसा और राजनीतिक तनाव का रूप ले लेते हैं। फिलहाल पुलिस की सक्रिय कार्रवाई से उपद्रवियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है, लेकिन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी ही इस मामले में अगला अहम मोड़ साबित होगी।