गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर की बेलीपार पुलिस ने गुरुवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 25 हजार रुपये के इनामी पशु तस्कर साजमान खान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक आरोपी बाघागढ़ा पुल के पास से पकड़ा गया। मूल रूप से रामपुर जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित पहाड़ी गेट आसरा कॉलोनी का रहने वाला साजमान लंबे समय से फरार चल रहा था। दरअसल, 15 सितंबर 2024 को बेलीपार पुलिस ने छापेमारी के दौरान पांच गोवंश से भरी एक पिकअप जब्त की थी और मौके से दो आरोपियों समेत एक बाल अपचारी को गिरफ्तार किया था, जबकि साजमान मौके से भागने में सफल हो गया था। इसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस ने तलाश शुरू की थी। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी राज करन नय्यर ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस टीम लगातार उस पर नजर रखे हुए थी और मुखबिर से मिली जानकारी पर आखिरकार उसे दबोच लिया गया।
गिरोह की सक्रियता और नेटवर्क का खुलासा
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में साजमान ने कई अहम खुलासे किए। उसने बताया कि उसका नेटवर्क सिर्फ गोरखपुर तक सीमित नहीं था, बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक फैला हुआ था। साजमान अपने गिरोह के साथ मिलकर यूपी से गोवंश की अवैध तस्करी करता और उन्हें बिहार में सप्लाई करता था। पुलिस जांच में सामने आया कि इस गैंग के कई सदस्य पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। इनमें कसीहार निवासी राजेश और उसकी पत्नी कविता, संजय, अक्षय, शिव उर्फ बताशा, खजनी क्षेत्र के विकास, बिहार के गोपालगंज के बडू अली, मुस्ताक अहमद और अनवर शाह शामिल हैं। ये सभी पिछले वर्ष ही गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। साजमान की गिरफ्तारी के बाद अब गिरोह का लगभग पूरा नेटवर्क पुलिस की पकड़ में आ चुका है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह गैंग लंबे समय से यूपी-बिहार बॉर्डर पर सक्रिय था और पशु तस्करी का संगठित नेटवर्क चला रहा था।
अभियान से पुलिस की बड़ी उपलब्धि
पशु तस्करी के खिलाफ गोरखपुर पुलिस ने हाल ही में विशेष अभियान छेड़ा है और इसी क्रम में यह गिरफ्तारी हुई। एसपी साउथ जितेंद्र कुमार तोमर ने बताया कि जिले में गो-तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गिरोह के अधिकांश सदस्य पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं और अब मुख्य आरोपी साजमान की गिरफ्तारी से पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई न केवल जिले में कानून-व्यवस्था के लिहाज से अहम है बल्कि इससे अवैध पशु तस्करी के नेटवर्क को भी तगड़ा झटका लगा है। स्थानीय पुलिस ने साफ किया है कि ऐसे अपराधियों पर लगातार सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और भविष्य में किसी भी तरह की पशु तस्करी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साजमान की गिरफ्तारी के बाद अब गोरखपुर पुलिस को उम्मीद है कि क्षेत्र में सक्रिय अन्य छोटे गिरोह भी दबाव में आएंगे और तस्करी की घटनाओं पर रोक लगेगी।