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Gorakhpur News : गोरखपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई उड़ान, जिले के 10 आयुष्मान आरोग्य मंदिर एनक्वास सर्टिफाइड, स्वास्थ्य सेवाओं में होगी और सुधार

Gorakhpur news in hindi : गोरखपुर के 10 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों ने हासिल किया राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाणपत्र, जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी और मजबूत

Gorakhpur Ayushman Arogya Mandirs awarded NQAS certification | Gorakhpur News

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अपनी दक्षता और समर्पण का परिचय दिया है। इस महीने जिले के 10 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणन प्राप्त हुआ है। यह प्रमाणन केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों की गुणवत्ता, स्वच्छता और मरीजों की सुरक्षा के मानकों के आधार पर दिया जाता है। गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश झा ने बताया कि यह उपलब्धि जिले के स्वास्थ्य कर्मियों की मेहनत और टीमवर्क का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को सरकार की ओर से सम्मान और पुरस्कार राशि भी मिलेगी, जिसे मरीजों की सुविधाएं बढ़ाने और अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में उपयोग किया जाएगा। एनक्वास प्रमाणन प्राप्त करने वाले ये केंद्र ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाएंगे। डॉ. झा के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला अस्पताल समेत 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को पहले ही ‘कायाकल्प अवॉर्ड’ मिल चुका है, जिससे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।

एनक्वास और कायाकल्प पुरस्कारों से सुसज्जित गोरखपुर

एनक्वास सर्टिफिकेशन हासिल करने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में सबसे अधिक चार केंद्र सरदार नगर ब्लॉक से हैं। इन केंद्रों में बाबू विशुनपुरा, छपरा मंसूर, बाल खुर्द और इब्राहिमपुर शामिल हैं। इनके अलावा चरगांवा ब्लॉक के जंगल अहमद अली शाह और सियारामपुर, खजनी ब्लॉक के छताई, पिपराइच ब्लॉक के बेला, ब्रह्मपुर ब्लॉक के पचदेउरी और सहजनवां ब्लॉक के पकड़ी बरौली को भी एनक्वास प्रमाणन मिला है। ये सभी स्वास्थ्य इकाइयां अब उन्नत सेवाएं देने के लिए तैयार हैं और इनमें मरीजों के लिए अधिक स्वच्छ, सुरक्षित और बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। जिला प्रशासन की गुणवत्ता टीम ने प्रत्येक केंद्र का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया कि सभी मानक पूरे किए गए हैं। इसके अलावा, बरही, पिपराइच, भटहट, पिपरौली, जंगल कौड़िया, गोला, गगहा, कैंपियरगंज, पाली, सिंहोरिया और सहजनवां के सीएचसी को भी कायाकल्प पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार स्वास्थ्य संस्थानों को साफ-सफाई, मरीज सुरक्षा और बेहतर सेवा प्रबंधन के लिए दिया जाता है। इस योजना के तहत मिलने वाली राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा अस्पताल के विकास में और 25 प्रतिशत हिस्सा स्टाफ के प्रशिक्षण, प्रोत्साहन और पुरस्कारों में उपयोग किया जाएगा। इससे न केवल चिकित्सा सुविधाएं बढ़ेंगी बल्कि कर्मचारियों में भी कार्य के प्रति उत्साह और गुणवत्ता के प्रति जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी।

भविष्य के लिए स्वास्थ्य गुणवत्ता सुधार का रोडमैप

सीएमओ डॉ. राजेश झा ने कहा कि यह उपलब्धि केवल शुरुआत है, गोरखपुर जिले के सभी ब्लॉकों में स्वास्थ्य इकाइयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों पर खरा उतरने के लिए तैयार किया जा रहा है। जिला गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत प्रत्येक मेडिकल यूनिट में स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण और मरीज सुरक्षा से जुड़ी सभी दिशानिर्देशों का पालन कर सकें। सरकार की प्राथमिकता है कि हर आयुष्मान आरोग्य मंदिर मरीजों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराए। डॉ. झा ने इस सफलता के लिए सभी ब्लॉकों की स्वास्थ्य टीमों, जिला क्वालिटी टीम और नोडल अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि आने वाले महीनों में और अधिक केंद्र एनक्वास सर्टिफाइड किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य अगले वर्ष तक जिले की सभी प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों को इस मानक के अनुरूप बनाना है। इससे गोरखपुर न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता के मॉडल जिले के रूप में उभरेगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि एनक्वास और कायाकल्प जैसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की विश्वसनीयता बढ़ाने और जनता को सरकारी अस्पतालों पर भरोसा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। गोरखपुर की यह उपलब्धि न केवल एक सम्मान है बल्कि यह दर्शाती है कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था भी समर्पण और पारदर्शिता के साथ गुणवत्तापूर्ण सेवा दे सकती है।

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