गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने राप्तीनगर आवासीय योजना फेज-1 में उन आवंटियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है जिन्होंने वर्षों से अपने मकानों की बकाया धनराशि जमा नहीं की थी। प्राधिकरण द्वारा दी गई समय-सीमा समाप्त होने के बावजूद जब कई आवंटी अपनी देनदारी नहीं चुकाए, तो जीडीए ने उनके आवंटन निरस्त करते हुए संपत्तियों पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी। मंगलवार को जीडीए की टीम मौके पर पहुंची तो राप्तीनगर कॉलोनी में अफरा-तफरी मच गई। जिन मकानों का आवंटन रद्द किया गया था, उनमें अब भी परिवार रह रहे थे। उन्हें जैसे ही घर खाली करने का निर्देश मिला, परिजनों में हड़कंप मच गया। कई परिवारों ने भावनात्मक अपील करते हुए दीपावली तक का समय मांगा, ताकि वे त्योहार के बाद घर खाली कर सकें। अधिकारियों ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें दीपावली तक की मोहलत दे दी है।
लाखों में पहुंचा बकाया, नोटिस के बाद भी नहीं हुआ भुगतान
जीडीए के अनुसार, राप्तीनगर आवासीय योजना का पहला चरण 56 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया था। योजना के तहत कई लाभार्थियों को आवास आवंटित किए गए थे, जिनमें से कुछ ने शुरुआती किस्त तो जमा कर दी थी, लेकिन शेष भुगतान वर्षों तक लंबित रहा। ब्याज सहित यह बकाया राशि लाखों रुपये तक पहुंच गई है। प्राधिकरण ने ऐसे सभी आवंटियों को कई बार नोटिस जारी कर चेतावनी दी थी कि यदि वे भुगतान नहीं करेंगे तो आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। इसके बावजूद कुछ लोगों ने रकम नहीं चुकाई, जिसके बाद जीडीए को मजबूर होकर आवंटन निरस्त करने का निर्णय लेना पड़ा। राप्तीनगर फेज-1 में लगभग एक दर्जन ऐसे आवंटियों के नाम आवंटन निरस्त किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई उन सभी पर लागू होगी जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं या लंबे समय से भुगतान नहीं कर रहे हैं। इस निर्णय के बाद क्षेत्र के अन्य बकायेदारों में भी चिंता का माहौल देखा जा रहा है।
विरोध और मानवीय पहल, दीपावली तक मिली मोहलत
आवंटन निरस्त होने के बाद जब जीडीए की टीम कब्जा लेने पहुंची तो कई मकान मालिकों ने इसका विरोध किया। स्थानीय लोगों ने अधिकारियों से कहा कि परिवार दीपावली की तैयारी में जुटा है और इस समय घर खाली करना संभव नहीं। जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्धन के निर्देश पर पहुंचे मुख्य अभियंता किशन सिंह के नेतृत्व में मौजूद टीम ने स्थिति को शांतिपूर्वक संभाला। अधिशासी अभियंता प्रवीण गुप्ता और सहायक अभियंता ए.के. तायल ने आवंटियों को समझाया कि नियमों के अनुसार उनके आवंटन पहले ही निरस्त हो चुके हैं, इसलिए उन्हें संपत्ति खाली करनी होगी। हालांकि, लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्राधिकरण ने दीपावली तक का समय प्रदान किया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय के बाद कब्जा प्रक्रिया पूरी की जाएगी और प्राधिकरण के अधिकार में संपत्तियां आ जाएंगी। कार्रवाई के दौरान स्थानीय थाने की पुलिस और पीएसी बल भी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहे। इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब जीडीए बकायेदारों के प्रति सख्त रुख अपनाने जा रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने यह भी दिखाया कि मानवीय दृष्टिकोण से जनता को त्योहारों में असुविधा न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। दीपावली के बाद प्राधिकरण सभी निरस्त आवंटनों पर कब्जा सुनिश्चित करेगा, जिससे आवासीय योजना में नियम और पारदर्शिता बनाए रखी जा सके।