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डूब क्षेत्र में अवैध कालोनियों पर चला GDA का बुलडोजर

रामगढ़ताल इलाके में तीन प्लाटिंग ध्वस्त, बिना अनुमति हो रहा था अवैध निर्माण

GDA bulldozer action against illegal colonies in Gorakhpur flood zone

रामगढ़ताल में अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्रवाई गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने मंगलवार को राप्ती और रोहिन नदियों के डूब क्षेत्र में अवैध रूप से बसाई जा रही कालोनियों पर बड़ी कार्रवाई की। रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में हो रही अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त करने के लिए प्राधिकरण की टीम दोपहर बाद मौके पर पहुंची। कार्रवाई के दौरान तीन अलग-अलग जगहों पर अवैध प्लाटिंग पाई गई जिसे बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने विरोध करने की कोशिश की लेकिन पुलिस और पीएसी बल की मौजूदगी में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने दी गई। मुख्य अभियंता किशन सिंह के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई का मकसद डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकना था। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे इलाकों में किसी भी तरह का आवासीय विकास कार्य पूरी तरह प्रतिबंधित है क्योंकि बाढ़ के समय इन क्षेत्रों में पानी भर जाता है जिससे नागरिकों की जान और संपत्ति को गंभीर खतरा हो सकता है। इसी वजह से नियमित निरीक्षण अभियान के तहत यह प्रवर्तन कार्रवाई की गई।

तीन अलग-अलग डेवलपर्स पर गिरी गाज

कार्रवाई की शुरुआत महेवा इलाके से हुई जहां विजय दूबे द्वारा करीब 2500 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध प्लाटिंग की जा रही थी। जब जीडीए अधिकारियों ने उनसे मान्य लेआउट मांगा तो वे कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके बाद वहां हो रहा विकास कार्य पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। इसके बाद टीम बड़गो क्षेत्र पहुंची जहां सीताराम यादव उर्फ छब्बर यादव लगभग एक एकड़ जमीन पर प्लाटिंग कर रहे थे। यहां भी कोई वैध अनुमति पत्र न मिलने पर बुलडोजर चलाया गया। तीसरी कार्रवाई लहसड़ी गांव में की गई जहां नरेंद्र पांडेय पुत्र अशोक पांडेय द्वारा लगभग एक एकड़ क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग की जा रही थी। अधिकारियों ने जब उनसे भी आवश्यक कागजात मांगे तो वे कुछ भी पेश नहीं कर पाए। नतीजतन यहां भी पूरी अवैध प्लाटिंग ढहा दी गई। तीनों जगह पर कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों की मौजूदगी रही और कई ने विरोध जताने की कोशिश भी की, लेकिन प्रशासनिक सख्ती के आगे किसी को कामयाबी नहीं मिली। इन घटनाओं से साफ है कि बिना अनुमति के कॉलोनियों को विकसित करने वालों पर अब लगातार शिकंजा कसा जाएगा।

अवैध प्लाटिंग के खिलाफ अभियान जारी रहेगा

मुख्य अभियंता किशन सिंह ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि डूब क्षेत्र में प्लाटिंग या कॉलोनी बसाने का प्रयास करना कानूनन अपराध है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की टीमें नियमित रूप से ऐसे इलाकों का सर्वेक्षण करती रहेंगी और जहां भी अवैध निर्माण या प्लाटिंग दिखाई देगी, तत्काल कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी कि डेवलपर्स को बिना मान्य नक्शा या लेआउट स्वीकृति के जमीन काटकर बेचने का अधिकार नहीं है और ऐसा करने पर कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे। इस कदम से न केवल अवैध रूप से बसाई जा रही कालोनियों पर रोक लगेगी बल्कि आम नागरिकों को भी भविष्य में होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। गौरतलब है कि डूब क्षेत्र में कॉलोनी बसने पर बारिश या बाढ़ के दौरान इन इलाकों में पानी भरने से लोगों की सुरक्षा पर संकट आ जाता है। जीडीए की ओर से चलाया जा रहा यह अभियान फिलहाल लगातार जारी रहेगा और आने वाले दिनों में भी कई और स्थानों पर इसी तरह की कार्रवाइयां देखने को मिल सकती हैं। इस तरह प्रशासन ने साफ संकेत दिया है कि कानून तोड़कर बस्ती बसाने वालों को अब किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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