गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के होटल क्लार्क में बुधवार की शाम गरबा-डांडिया महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें शहर और आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों लोग शामिल हुए। महिलाओं ने रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान, गहने और शानदार मेकअप पहनकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। महोत्सव की शुरुआत मां दुर्गा की पूजा-अर्चना से हुई, जिसमें दीपों की रोशनी में आरती के दौरान प्रतिभागियों ने नृत्य प्रस्तुत किया। दर्शक इस प्रस्तुति को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए और तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह और बढ़ गया। आरती के बाद गरबा और डांडिया का दौर शुरू हुआ, जिसमें सभी झूम उठे और एक जीवंत वातावरण का निर्माण हुआ। इस महोत्सव में केवल गुजरात की संस्कृति ही नहीं, बल्कि अलग-अलग राज्यों की सांस्कृतिक झलक भी देखने को मिली।
मां काली और कृष्ण लीला के रूप में विविध सांस्कृतिक प्रस्तुति
इस आयोजन में प्रतिभागियों ने विभिन्न राज्यों और परंपराओं के सांस्कृतिक रंग प्रस्तुत किए। कुछ ने भगवान कृष्ण का रूप धारण कर कृष्ण लीला की झलक दिखाई, तो वहीं कुछ ने मां काली का भव्य और दिव्य रूप प्रस्तुत किया। उनके विकराल रूप को देखकर दर्शक स्तब्ध रह गए। अधिकांश महिलाओं ने गुजराती पारंपरिक पोशाक में सुंदर रूप से सज-धज कर महोत्सव में भाग लिया, जबकि कुछ ने केरल और अन्य राज्यों के परिधान में भी प्रस्तुति दी। अजमेर के राजा मानसिंह और उनकी रानियों का राजस्थानी रूप में प्रदर्शन भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। इस तरह यह आयोजन देश की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का सुंदर संगम बन गया। आयोजन की संयोजक गरिमा ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों और रीति-रिवाजों का सम्मान करना और महोत्सव का आनंद उठाना है।
पुरस्कार वितरण और प्रतिभागियों का सम्मान
एक महीने तक चल रही गरबा वर्कशॉप का समापन होटल क्लार्क में किया गया। इसमें प्रथम विजेता शानू श्रीवास्तव और अर्चना को घोषित किया गया। बेस्ट ड्रेसअप का पुरस्कार वंदना को दिया गया। इसके अलावा 20 प्रतिभागियों को कंसोलेशन प्राइज से सम्मानित किया गया। महोत्सव में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। इस भव्य आयोजन ने गोरखपुर में सांस्कृतिक उत्सव की परंपरा को जीवित रखते हुए विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों को एक मंच पर लाने का काम किया। गरबा-डांडिया के रंग और संगीत ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और यह महोत्सव शहर के लिए एक यादगार सांस्कृतिक अनुभव बनकर उभरा।