गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज क्षेत्र के सोनौरा बुजुर्ग गांव की बेटी अर्पणा मिश्रा ने एमबीबीएस में चयन पाकर न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। एक साधारण किसान परिवार से आने वाली अर्पणा ने मेहनत और लगन के बल पर यह बड़ी सफलता हासिल की। उनके एमबीबीएस में चयन की खबर से परिवार में खुशी का माहौल है, वहीं गांव के लोग भी गर्व महसूस कर रहे हैं।
शिक्षा के प्रति परिवार का संघर्ष और समर्पण
अर्पणा के दादा स्वर्गीय ध्रुव नारायण मिश्रा आजीवन खेती से जुड़े रहे। उन्होंने आर्थिक संघर्षों के बावजूद अपने बेटों को पढ़ाने-लिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके बड़े बेटे नरेंद्र नारायण मिश्रा ने रेलवे में नौकरी पाई, जबकि छोटे बेटे अमरेंद्र नारायण मिश्रा पुलिस विभाग में कार्यरत हुए। परिवार ने शिक्षा के महत्व को हमेशा प्राथमिकता दी और इसी सोच का परिणाम है कि आज अर्पणा एमबीबीएस में प्रवेश लेकर गांव की शान बनीं।
पढ़ाई में होनहार, डॉक्टर बनने का सपना
अर्पणा की प्रारंभिक शिक्षा गोरखपुर के कार्मल गर्ल्स इंटर कॉलेज में हुई। उन्होंने 4 मई 2025 को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) दी। परिणाम 24 सितंबर को घोषित हुआ, जिसमें अर्पणा ने सफलता हासिल की। काउंसलिंग प्रक्रिया के बाद उन्हें तिलोई, अमेठी स्थित स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज आवंटित हुआ और 25 सितंबर को उन्होंने दाखिला लिया।
गांव और परिवार में खुशी की लहर
एमबीबीएस में बेटी के चयन के बाद परिवारजनों और रिश्तेदारों ने अर्पणा का फूल-मालाओं से स्वागत किया। परिवार के सदस्यों में अमरेंद्र, चंद्रप्रकाश, उदय प्रकाश और आयुष मिश्रा विशेष रूप से मौजूद रहे। पूरे सोनौरा गांव में उत्सव जैसा माहौल रहा। ग्रामीणों ने कहा कि अर्पणा की यह उपलब्धि क्षेत्र की बेटियों के लिए प्रेरणा बनेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा का लक्ष्य
अपनी सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए अर्पणा मिश्रा ने कहा कि उनका सपना डॉक्टर बनकर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा—
“मैंने हमेशा देखा है कि गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी रहती है। मेरा उद्देश्य डॉक्टर बनकर जरूरतमंद लोगों तक बेहतर इलाज पहुंचाना है।”