Hindi News / State / Uttar Pradesh / Gorakhpur News Today (गोरखपुर समाचार) / रवि किशन को फोन पर जान से मारने की धमकी, आरोपी ने खुद को आरा का अजय कुमार यादव बताया

रवि किशन को फोन पर जान से मारने की धमकी, आरोपी ने खुद को आरा का अजय कुमार यादव बताया

भोजपुरी स्टार व सांसद रवि किशन को बिहार से मिली जानलेवा धमकी, निजी सचिव ने कॉल रिसीव की और शिकायत दर्ज कराई

Caller threatening MP Ravi Kishan during a phone conversation | Gorakhpur News


गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – भोजपुरी अभिनेता और गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन को हाल ही में एक फोन कॉल के माध्यम से जान से मारने की धमकी मिली, जिसे सांसद के निजी सचिव शिवम द्विवेदी ने उठाया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने अपना परिचय अजय कुमार यादव और अपना गाँव जवनिया, आरा (बिहार) बताते हुए कहा कि वह सांसद को गोली मार देगा। कॉलर ने धमकी देते हुए यह भी कहा कि वह सांसद की हर गतिविधि और शेड्यूल से अवगत है और चार दिन बाद जब सांसद बिहार आएगा तो उसे खत्म कर देगा; इसके साथ ही उसने सांसद के परिवार और माँ के लिए अपमानजनक गालियाँ भी दीं। बातचीत के दौरान कॉलर ने RJD प्रत्याशी व भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव द्वारा दिये गए बयान का समर्थन करते हुए राम मंदिर और भगवान श्रीराम के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं और कहा कि राम मंदिर की जगह अस्पताल या कॉलेज होना चाहिए था। निजी सचिव ने कॉलर को सांसद के कार्यालय से जोड़कर जवाब दिया और कॉलर और सचिव के बीच तीखी नोकझोंक हुई; कॉल में कॉलर ने वह रिकॉर्डिंग और वीडियो होने का भी दावा किया जिसे वह दिखाने से इनकार कर रहा था। इस पूरे घटनाक्रम ने सांसद के समर्थकों और स्थानीय लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया है और मामले की संवेदनशीलता देखते हुए कॉल की लोकेशन और नंबर ट्रेस करने की कोशिश शुरू कर दी गई है

शिकायत, पुलिस कार्रवाई और सुरक्षा पर उठे सवाल

धमकी मिलने के बाद सांसद के निजी सचिव शिवम द्विवेदी और PRO पवन दुबे ने तुरंत गोरखपुर के SSP के पास जाकर लिखित शिकायत दर्ज कराई और सांसद की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया है और तकनीकी माध्यमों से फोन कॉल के नंबर तथा लोकेशन पहचानने का काम चल रहा है ताकि आरोपी का पता लगाया जा सके और उसे गिरफ्तार किया जा सके। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने भी मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि रामगढ़ताल थाने में मामला दर्ज किया गया है और बिहार चुनाव के दौरान दिए गए बयानों से जुड़े आरोपों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने चुनावी माहौल में सुरक्षा के मुद्दे को तूल दे दिया है क्योंकि सांसद रवि किशन इस समय बिहार में NDA उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं और पार्टी के स्टार प्रचारकों में गिने जाते हैं। सांसद के पास केंद्र और राज्य द्वारा प्रदान की गई Y+ श्रेणी की सुरक्षा है, जिसे उन्होंने स्वयं 1 अक्टूबर 2020 से मिलने की जानकारी पहले दी थी; इसके बावजूद फोन-आधारित धमकी की घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि किसी पीड़ित नेता की सुरक्षा में किस तरह की सावधानियाँ और त्वरित जवाबदेही लागू होनी चाहिए। पुलिस के अनुसार अब फ़ोरेंसिक कॉल ट्रेस, SIM लोकेशन व अन्य तकनीकी पहलुओं की जांच के साथ-साथ कॉलर की पहचान के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है और स्थानीय अधिकारियों से समन्वय किया जा रहा है ताकि घटना की गंभीरता के अनुरूप सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके।

राजनीतिक पृष्ठभूमि, खेसारी-रवि विवाद और सामाजिक प्रतिक्रिया

यह मामला उस विवादित माहौल से जुड़ा हुआ है जो कुछ दिनों से खेसारी लाल यादव और रवि किशन के बीच बयानबाजी के कारण बन रहा है, 27 अक्टूबर को खेसारी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि मंदिर बनना चाहिए पर लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं पर भी ध्यान देना जरूरी है, और कुछ बयान ऐसी रूढ़ियों पर सवाल उठाते दिखे जिनसे विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक प्रतिक्रियाएँ उभरीं। खेसारी के कथनों पर रवि किशन ने तीखा पलटवार किया और संवेदनशील धार्मिक मुद्दों पर किसी भी तरह के अपमान से साफ इंकार किया। दोनों पक्षों के ट्वीट्स, इंटरव्यू और सार्वजनिक बयानों ने स्थानीय राजनीति में तनाव बढ़ाया है और अब किसी समर्थक द्वारा उठी हिंसक धमकी ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। सामाजिक माध्यमों व स्थानीय सर्कलों में लोग विभाजित दिख रहे हैं, कुछ ने कॉलर की निंदा की है और तीखी कार्रवाई की मांग की है, जबकि कुछ का कहना है कि सार्वजनिक व्यक्तित्वों के बीच की बयानबाजी को संभालने के लिए जिम्मेदार संवाद की जरूरत है ताकि किसी भी तरह की गैरकानूनी या हिंसक घटना को भड़कने से रोका जा सके। पुलिस की सक्रियता और शीघ्र गिरफ्तारी की उम्मीद के साथ-साथ राजनीतिक दलों व नागरिक समाज ने भी शांति बनाये रखने व कानूनी प्रक्रिया का पालन करने का आह्वान किया है। इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी समय में सार्वजनिक बयानों के परिमाण और उनकी समाज में प्रतिक्रिया पर नियंत्रण और विवेक का प्रयोग कितना आवश्यक है, और साथ ही यह भी कि अगर किसी भी नेता या नागरिक को जानलेवा धमकी मिलती है तो तकनीकी सबूतों के सहारे त्वरित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि कानून के शासन और नागरिक सुरक्षा की भावना बनी रहे।

ये भी पढ़ें:  Gorakhpur News : गोरखपुर में नाव हादसे ने छीनी पिता की दुनिया, गोर्रा नदी में डूबे 8 लोग, क्रिकेटर बेटे की मौत से मचा मातम
Share to...