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DDU में ‘महाकुंभ पर्व 2025’ पुस्तक का विमोचन, छात्रों ने दिखाई शोध प्रतिभा

कुलपति बोलीं – धरोहर है यह पुस्तक, अंग्रेजी अनुवाद से विदेशों तक पहुंचेगी विरासत

DDU Gorakhpur University Mahakumbh 2025 book release event

DDU में महाकुंभ 2025 पर केंद्रित भव्य विमोचन समारोह

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ में रविवार को ‘महाकुंभ पर्व 2025’ पुस्तक का विमोचन किया गया। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा और विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन के संरक्षण में आयोजित हुआ।

इस पुस्तक का संपादन शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशल नाथ मिश्र और सहायक निदेशक डॉ. सोनल सिंह ने किया है। इसमें देशभर से आए विद्वानों के लेख शामिल किए गए हैं, जिनमें कुम्भ के ऐतिहासिक स्वरूप, धार्मिक परंपराएं, दार्शनिक दृष्टिकोण, सांस्कृतिक महत्व, आधुनिक तकनीकी उपयोग और आर्थिक पक्षों तक पर गहन विवेचना की गई है।


राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समन्वय का प्रतीक

मुख्य वक्ता रण विजय सिंह ने कहा कि यह पुस्तक केवल एक शोध ग्रंथ नहीं है बल्कि कुम्भ के धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व का दर्पण है। उन्होंने जोर देकर कहा –
“भौगोलिक सीमाएं किसी राष्ट्र का निर्माण नहीं करतीं, बल्कि सांस्कृतिक समन्वय ही राष्ट्र निर्माण का आधार है।”

उन्होंने यह भी बताया कि कुम्भ पर्व का मुख्य उद्देश्य समाज में एकता, समरसता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान स्थापित करना है।


कुलपति बोलीं – पुस्तक धरोहर है, अंग्रेजी अनुवाद आवश्यक

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस मौके पर कहा कि ‘महाकुंभ पर्व 2025’ पुस्तक केवल एक प्रकाशन नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय और समाज के लिए एक धरोहर है। इसमें धार्मिक, सामाजिक, दार्शनिक और सांस्कृतिक सभी पक्षों का समावेश किया गया है।

उन्होंने सुझाव दिया कि पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद भी होना चाहिए ताकि इसकी महत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्थापित हो और यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर को विदेशों तक पहुंचा सके।


शोध प्रतियोगिता में दिखी छात्रों की प्रतिभा

विमोचन कार्यक्रम के दौरान कुम्भ पर आधारित शोध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

निर्णायक मंडल में डॉ. आमोद कुमार राय, डॉ. संजय कुमार तिवारी और डॉ. राजकुमार शामिल रहे।

  • प्रथम स्थान: डॉ. उमेश चंद तिवारी
  • द्वितीय स्थान: अभिषेक श्रीवास्तव और डॉ. कविता सिंह
  • तृतीय स्थान: कृतिका मल्ल

सभी विजेताओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए और प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की गई।


एक और पुस्तक ‘मणिपुर इन फ्लेम्स’ का विमोचन

इस अवसर पर जगदंबा मल्ल द्वारा लिखित पुस्तक ‘मणिपुर इन फ्लेम्स’ का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सोनल सिंह और डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने किया।

धन्यवाद ज्ञापन मुख्य वक्ता एवं सभी उपस्थित विद्वानों को समर्पित था। इस मौके पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान, वक्ता, शोध छात्र और गोरखपुर विश्वविद्यालय के सभी संकायों के शिक्षक एवं विभागाध्यक्ष भी उपस्थित रहे।

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