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डीएसपी दीपांशी ने छात्रों को सिखाई कानूनी जागरूकता, गोरखपुर यूनिवर्सिटी में नए आपराधिक कानूनों पर विशेष सत्र, साइबर सुरक्षा पर भी हुई चर्चा

नए आपराधिक कानूनों से जुड़ी जानकारी दी गई, साइबर अपराध और महिला सुरक्षा पर हुई गहन बातचीत, ‘मिशन शक्ति 5.0’ के तहत दो विभागों में कार्यक्रम आयोजित

DSP Dipanshi addressing students at DDU Gorakhpur during awareness program | Gorakhpur News

गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय (DDU) के वाणिज्य विभाग में शुक्रवार को ‘मिशन शक्ति 5.0’ के अंतर्गत ‘नए आपराधिक कानूनों के प्रति जागरूकता अभियान’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और वक्ता डिप्टी एसपी दीपांशी ने छात्रों को भारत सरकार द्वारा लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों की जानकारी दी और बताया कि ये सुधार देश की न्याय प्रणाली को कैसे अधिक पारदर्शी, तकनीकी और नागरिक-केंद्रित बनाते हैं।
डीएसपी दीपांशी ने छात्रों से कहा कि नए कानूनों में डिजिटल साक्ष्य, महिला सुरक्षा, और साइबर अपराध से जुड़ी व्यवस्थाओं को सशक्त किया गया है ताकि पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सके। उन्होंने व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से बताया कि किस तरह ये बदलाव न्याय प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बना रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि “कानूनों की जानकारी केवल वकीलों या पुलिस तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, हर नागरिक को अपने अधिकार और कर्तव्य जानने जरूरी हैं।”
कार्यक्रम में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रश्नोत्तर सत्र में डीएसपी से कई सवाल किए। दीपांशी ने विद्यार्थियों को जागरूक नागरिक बनने और कानूनी जानकारी दूसरों तक पहुंचाने की प्रेरणा दी।

कानूनी जागरूकता से बढ़ेगी सामाजिक जिम्मेदारी

कार्यक्रम के दौरान नोडल अधिकारी प्रो. विनीता पाठक ने कहा कि आपराधिक कानूनों की जानकारी केवल लॉ स्टूडेंट्स के लिए ही नहीं बल्कि हर नागरिक के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि “जब नागरिक अपने अधिकारों को जानते हैं, तभी समाज में न्याय और समानता कायम रहती है।”
वाणिज्य विभाग के एचओडी प्रो. एस.वी. पाठक ने डीएसपी दीपांशी और पुलिस विभाग का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस तरह के अभियान न सिर्फ छात्रों को कानूनी रूप से जागरूक बनाते हैं, बल्कि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा भी देते हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. फरोज़ा ने किया। इस अवसर पर वाणिज्य विभाग के सभी शिक्षकगण, शोधार्थी और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

डीडीयू में साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस प्रोग्राम भी आयोजित

वहीं, डी़डीयू के गणित विभाग की ओर से साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसमें एमएमएमयूटी की प्रोफेसर डॉ. स्वपनिता श्रीवास्तव ने छात्रों को डिजिटल साइबर सुरक्षा के कई पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कैसे एक छोटी सी चूक बड़ी डिजिटल तबाही का कारण बन सकती है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि “एम्स दिल्ली के सिस्टम पर हुए रैनसमवेयर अटैक ने पूरा नेटवर्क ठप कर दिया था, जिसमें 80 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी।”
इसके अलावा एमएमएमयूटी के प्रोफेसर डॉ. विपुल नारायण ने छात्रों को क्रिप्टोग्राफी, ग्राफ थ्योरी, कोडिंग, रिग्रेशन एनालिसिस, और बेयेजियन थ्योरी जैसे विषयों से साइबर सुरक्षा के अनुप्रयोगों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में डॉ. त्रिलोकी नाथ, डॉ. राजेश पांडेय, प्रो. उमा श्रीवास्तव, डॉ. विवेक कुमार शर्मा, और विभाग के सभी शिक्षक व शोधार्थी उपस्थित रहे।
दोनों कार्यक्रमों ने छात्रों के बीच कानून और साइबर सुरक्षा के प्रति नई सोच और जागरूकता का संचार किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे ताकि विद्यार्थी समाज के प्रति अधिक जिम्मेदार और तकनीकी रूप से सतर्क बन सकें।

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