गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर स्थित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDUGU) ने मंगलवार को तकनीकी शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल की है। विश्वविद्यालय ने ड्रोन निर्माण और प्रशिक्षण क्षेत्र में अग्रणी कंपनी फ्लाइटियम ड्रोन प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया है। इस साझेदारी के माध्यम से विश्वविद्यालय परिसर में “ड्रोन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स नवाचार उत्कृष्टता केंद्र” की स्थापना की जाएगी। यह कदम न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक की समझ देगा, बल्कि पूर्वांचल को तकनीकी नवाचार का केंद्र बनाने में भी मील का पत्थर साबित होगा। यह पहल ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों की भावना के अनुरूप है, जो छात्रों को स्वावलंबी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में प्रेरित करती है। इस समझौते के बाद विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग, फार्मेसी, वाणिज्य, कंप्यूटर साइंस और विज्ञान संकायों के हजारों छात्र सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
अत्याधुनिक लैब और इंडस्ट्री लिंक से छात्रों को मिलेगा प्रायोगिक अनुभव
एमओयू के तहत विश्वविद्यालय परिसर में विश्वस्तरीय ड्रोन लैब, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) लैब और एम्बेडेड सिस्टम लैब की स्थापना की जाएगी। इन प्रयोगशालाओं में छात्रों को न केवल तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि उन्हें उद्योग आधारित परियोजनाओं, इंटर्नशिप और कंपनी विजिट जैसे व्यावहारिक अवसर भी प्राप्त होंगे। इस पहल से छात्रों को सर्टिफाइड ट्रेनिंग के साथ-साथ इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप का वास्तविक अनुभव मिलेगा, जिससे वे भविष्य में नौकरी खोजने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले युवा उद्यमी बन सकेंगे। फ्लाइटियम ड्रोन कंपनी विश्वविद्यालय को तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, प्रोटोटाइप निर्माण और उद्योग मानक अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करेगी। कंपनी के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में ड्रोन टेक्नोलॉजी का भविष्य तेजी से बढ़ रहा है, और इस साझेदारी से पूर्वी उत्तर प्रदेश के छात्रों को इस उभरते हुए क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। पांच वर्षों तक प्रभावी रहने वाला यह समझौता तकनीकी और औद्योगिक सहयोग के नए द्वार खोलेगा, जिससे विश्वविद्यालय की रैंकिंग और नवाचार क्षमता दोनों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।
कुलपति ने बताया तकनीकी युग की नई शुरुआत, पूर्वांचल को मिलेगा फायदा
डीडीयू विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने इस समझौते को विश्वविद्यालय के इतिहास में एक नया अध्याय बताते हुए कहा कि “ड्रोन तकनीक आने वाले वर्षों में कृषि, आपदा प्रबंधन, परिवहन, पर्यावरण निगरानी और स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाएगी।” उन्होंने कहा कि यह साझेदारी छात्रों को वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने की क्षमता देगी। प्रोफेसर टंडन ने इसे “तकनीकी नवाचार के नए युग की शुरुआत” बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अब केवल पारंपरिक शिक्षा का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि नवाचार, अनुसंधान और स्टार्टअप्स का हब बनेगा। इस परियोजना के तहत न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों और शोधकर्ताओं को भी नई तकनीकों पर काम करने का अवसर मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस कदम से पूर्वांचल क्षेत्र कृषि, रक्षा और परिवहन जैसे क्षेत्रों में ड्रोन नवाचार का केंद्र बनकर उभरेगा। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार, प्रशिक्षण और स्टार्टअप के नए अवसर प्राप्त होंगे। फ्लाइटियम ड्रोन कंपनी और विश्वविद्यालय के बीच यह सहयोग आने वाले वर्षों में तकनीकी शिक्षा के मानक को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का कार्य करेगा, जिससे गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक पर आधारित उद्योगों और स्टार्टअप्स का विकास संभव हो सकेगा।