गोरखपुर के डीडीयू विश्वविद्यालय में हीरक जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित सर्वाइकल कैंसर बचाव टीकाकरण अभियान का पाँचवाँ चरण संपन्न हो गया। इस विशेष स्वास्थ्य पहल के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय चरगावाँ और खोराबार ब्लॉक की छात्राओं को एचपीवी वैक्सीन दी गई। हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने इस अभियान में सहयोग किया और लगभग 100 से अधिक बालिकाओं का टीकाकरण सुनिश्चित किया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने स्वयं विद्यालय पहुँचकर छात्राओं से संवाद किया और उन्हें प्रमाण-पत्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों पर समान रूप से निर्भर करती है, और इस तरह के अभियान बालिकाओं में न केवल बीमारियों से सुरक्षा का भाव जगाते हैं बल्कि उनके आत्मविश्वास और भविष्य की दिशा को भी मजबूत करते हैं। ‘स्वस्थ नारी-सशक्त नारी’ का नारा इस अभियान का मूल संदेश रहा, जिसके माध्यम से छात्राओं को जागरूक और प्रेरित करने का प्रयास किया गया।
महिला अध्ययन केंद्र और सामाजिक भागीदारी
इस अभियान में विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केंद्र की टीम ने न केवल योजना और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभाली, बल्कि विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम, परामर्श सत्र और स्वास्थ्य शिक्षा कार्यशालाएँ भी आयोजित कीं। निदेशक प्रो. दिव्या रानी सिंह और उनकी टीम ने छात्राओं को विस्तृत जानकारी देकर उन्हें यह समझाया कि महिलाओं का स्वास्थ्य ही उनके सशक्तिकरण की नींव है। अभियान को सफल बनाने में विश्वविद्यालय की शिक्षिकाओं, शोधार्थियों, विद्यालय स्टाफ और अस्पताल की मेडिकल टीम का सक्रिय योगदान रहा। विशेषज्ञों ने भी इस बात पर जोर दिया कि ऐसे स्वास्थ्य अभियान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में नियमित रूप से चलाए जाने चाहिए ताकि अधिक से अधिक बालिकाएँ समय पर टीकाकरण का लाभ उठा सकें। यह पहल न केवल चिकित्सा दृष्टिकोण से लाभकारी है बल्कि समाज में महिला स्वास्थ्य और सुरक्षा के महत्व को स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाती है।
छात्राओं की प्रतिभा और भविष्य की उम्मीदें
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने योगाभ्यास और ताइक्वांडो का प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा और आत्मरक्षा कौशल का परिचय दिया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि स्वास्थ्य जागरूकता के साथ-साथ छात्राएँ मानसिक और शारीरिक रूप से भी मजबूती हासिल कर रही हैं। कुलपति ने छात्राओं द्वारा बनाई गई हस्तनिर्मित सामग्री का अवलोकन कर उनकी रचनात्मकता की सराहना की और उन्हें निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। अभियान के समापन अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और विशेषज्ञों ने इस प्रयास को सराहा और भविष्य में ऐसे और अधिक अभियानों की उम्मीद जताई, जिससे समाज की हर बालिका तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुँच सके। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार के प्रयास शिक्षा और स्वास्थ्य के संगम से समाज को एक मजबूत दिशा देंगे और आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।