गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – कुशीनगर जिले के पडरौना नगर पालिका परिषद में शुक्रवार को उस समय नया विवाद खड़ा हो गया जब कई सभासदों ने बोर्ड की प्रस्तावित बैठक को नियम विरुद्ध बताते हुए कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। सभासदों का आरोप है कि नगर पालिका अध्यक्ष ने 24 सितंबर को बोर्ड की बैठक बुलाने का आदेश जारी कर दिया है जबकि उन्होंने 11 सितंबर को एक अधियाचन पत्र देकर बैठक बुलाने की मांग की थी। सभासदों के मुताबिक उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 86 (2) के अंतर्गत किसी भी अधियाचन पत्र पर 15 दिनों के भीतर बैठक बुलाना आवश्यक है, लेकिन अध्यक्ष ने उस अधियाचन को दरकिनार कर नियमों के विपरीत बोर्ड की बैठक बुला ली। इस कदम से नाराज सभासदों ने कहा कि जब तक अधियाचन पर बैठक नहीं हो जाती तब तक बोर्ड की कोई अन्य बैठक नहीं बुलाई जा सकती।
कमिश्नर से हस्तक्षेप की मांग, नियमों के पालन पर जोर
परिषद के सभासदों ने ज्ञापन के माध्यम से कमिश्नर से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष द्वारा जारी बैठक की तिथि रद्द कर नई बैठक नियमानुसार अधियाचन के आधार पर बुलाई जाए ताकि नगर पालिका के कार्यों पर सकारात्मक प्रभाव पड़े और पारदर्शिता बनी रहे। सभासदों का कहना था कि यदि नियमों का पालन नहीं हुआ तो इसका सीधा असर विकास कार्यों और नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि परिषद में लंबे समय से मनमानी तरीके से निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे न तो योजनाओं पर सही ढंग से अमल हो पा रहा है और न ही शहर की समस्याओं का समाधान हो रहा है। इस पूरे मामले में सभासदों ने स्पष्ट किया कि वे चाहते हैं कि कानून के मुताबिक काम हो और किसी तरह का विवाद पैदा न हो।
सभासदों की सूची और आगे की कार्रवाई
ज्ञापन सौंपने वालों में संजय चौधरी, अंजू देवी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, बबलू प्रसाद, सीता देवी, कयामुद्दीन अंसारी, उत्तम कुमार चौहान, संतोष कुमार गुप्ता, अमानतुल्ला और रंजीता देवी शामिल रहे। ये सभी सभासद इस मुद्दे पर एकजुट होकर कमिश्नर से मिलने पहुंचे और लिखित रूप से अपनी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो वे सामूहिक रूप से आगे की रणनीति तैयार करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर विरोध प्रदर्शन भी करेंगे। नगर पालिका पडरौना के नागरिकों ने भी इस विवाद पर चिंता जताई है और उम्मीद जताई है कि प्रशासन समय रहते समाधान निकालेगा। सभासदों का कहना है कि उनकी लड़ाई नियमों के पालन और सही तरीके से काम करने की है ताकि शहर के विकास कार्य सुचारू रूप से चलते रहें और जनता का विश्वास नगर पालिका प्रशासन पर बना रहे।