गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्वदेशी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता की गारंटी है, बल्कि यह समाज को एकता के सूत्र में भी बांधता है। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि दीपावली से पहले उत्तर प्रदेश के हर जिले में ‘स्वदेशी मेला’ आयोजित किया जाएगा, जिसमें खादी वस्तुओं और अन्य स्वदेशी उत्पादों पर 25% तक की छूट दी जाएगी।
स्वदेशी मेले का उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्योगों, हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहित करना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पहल ODOP (One District One Product) योजना को और नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी और स्थानीय उत्पादकों को बाजार तक सीधा पहुंच प्रदान करेगी।
गांधी और शास्त्री के आदर्शों में स्वदेशी का महत्व
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा गांधी के मूल्यों में स्वदेशी का महत्वपूर्ण स्थान था। उन्होंने बताया कि गांधी ने विदेशी हुकूमत की जड़ों को उखाड़ फेंकने के लिए सत्य और अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करते हुए स्वदेशी को देशवासियों के बीच एकता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनाया। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि वर्तमान समय में स्वदेशी के उत्पादों को अपनाकर ही देश की आर्थिक मजबूती सुनिश्चित की जा सकती है।
स्वदेशी मेले में खादी और हस्तशिल्प उत्पादों के साथ ही स्थानीय खाद्य और हस्तनिर्मित वस्तुएँ भी प्रदर्शित होंगी। इस योजना के माध्यम से सरकारी सहायता और प्रचार से छोटे व्यवसायियों को अपने उत्पादों के लिए बेहतर बाजार मिलेगा।
दीपावली से पहले विशेष योजनाएं और लाभ
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मेले के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में स्थानीय उद्यमियों को अधिकतम लाभ देने के लिए विशेष प्रमोशनल गतिविधियां और डिस्काउंट योजनाएं लागू की जाएंगी। इससे न केवल उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद कम दाम में मिलेंगे, बल्कि कारीगरों और उद्योगों को भी आर्थिक प्रोत्साहन मिलेगा।
इस पहल से उत्तर प्रदेश में स्वदेशी उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ेगी और राज्य के आर्थिक विकास में सहयोग मिलेगा। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक जिले में स्वदेशी मेले का आयोजन समुचित रूप से हो और लोगों को स्थानीय उत्पादों के महत्व और उनके प्रयोग से जुड़े संदेश भी मिलें।