पाकिस्तान की अराजक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर CM योगी का बयान
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित ‘भारत के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां’ विषयक व्याख्यान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क आंतरिक अराजकता और राजनीतिक अस्थिरता से इतना कमजोर हो चुका है कि उसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है और वह जल्द ही खत्म हो जाएगा। सीएम योगी ने आचार्य चाणक्य का उदाहरण देते हुए कहा कि कोई भी राष्ट्र तब तक सुरक्षित नहीं माना जा सकता जब तक उसकी आंतरिक स्थिति मजबूत न हो। उन्होंने पड़ोसी देश को अराजक राष्ट्र बताते हुए स्पष्ट किया कि आंतरिक अव्यवस्था किसी भी राष्ट्र को विनाश की ओर धकेल देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने प्राचीन काल से ही राष्ट्र और समाज की सुरक्षा को सर्वोपरि माना है। वेदों और शास्त्रों में धरती को माता माना गया है और भारत मां की गरिमा की रक्षा हर भारतीय का कर्तव्य है। उन्होंने रामायण काल और महाभारत काल के उदाहरण देते हुए बताया कि उपद्रवियों का विनाश और नागरिकों की रक्षा करना किसी भी सशक्त राष्ट्र का धर्म होना चाहिए। इसी सिद्धांत पर चलते हुए भारत ने हमेशा अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
भारतीय सेना की ताकत और नई चुनौतियों पर चर्चा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में गिनाते हुए कहा कि देश के नागरिक इसलिए चैन की नींद सोते हैं क्योंकि हमारे जवान -50 डिग्री सेल्सियस जैसे कठिन मौसम में भी सीमाओं की रक्षा कर रहे होते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प और पंचप्रण का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें सैनिकों के सम्मान और राष्ट्र रक्षा की भावना को प्रमुखता दी गई है। सीएम ने कहा कि बदलते समय के साथ युद्ध की रणनीतियां भी बदली हैं और भारत ने इन नई चुनौतियों का सामना करते हुए दुश्मनों को उनकी सीमाओं का अहसास कराया है। इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान भी मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। उनका स्वागत शॉल ओढ़ाकर और पुस्तक भेंट कर किया गया। सेमिनार के दौरान दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हर्ष कुमार सिन्हा ने राष्ट्रीय सुरक्षा की बदलती परिस्थितियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज साइबर अटैक जैसे अमूर्त खतरे भी बड़ी चुनौती बन चुके हैं और देश में हर मिनट सैकड़ों साइबर हमले दर्ज हो रहे हैं। हालांकि आतंकवाद की घटनाओं में लगभग 70 प्रतिशत की कमी आई है, फिर भी यह खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने सात देशों से घिरी भारत की सीमा और 17 अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले राज्यों की संवेदनशीलता पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सैन्य ताकत से ही नहीं बल्कि प्रशासनिक फैसलों और नागरिक जागरूकता से भी सुनिश्चित होती है।
गोरक्षपीठ की परंपरा और राष्ट्र समर्पण पर विचार
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने गोरक्षपीठ के दिवंगत महंतों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा और भारतीयता की रक्षा के लिए समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि महंतों ने पंथ या संकीर्णता से ऊपर उठकर हर राष्ट्रीय आह्वान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर को गुरु परंपरा के प्रति कृतज्ञता और गौरव की अनुभूति बताते हुए सीएम ने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल राष्ट्र की चुनौतियों पर विचार करने का अवसर प्रदान करते हैं बल्कि युवाओं को भी राष्ट्र सेवा की प्रेरणा देते हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर नमन करते हुए शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन केवल शिक्षक ही नहीं बल्कि एक दार्शनिक भी थे, जिन्होंने समाज के मुद्दों को गहराई से समझकर पूरी दुनिया के सामने रखा। कार्यक्रम में मंच पर सीएम योगी और CDS जनरल अनिल चौहान एक साथ बैठे और दोनों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों पर विचार साझा किए। योगी आदित्यनाथ ने अंत में कहा कि भारत की सुरक्षा केवल सीमा पर तैनात सैनिकों के साहस से ही नहीं बल्कि नागरिकों के अनुशासन और एकजुटता से भी सुनिश्चित होगी। जब तक हर नागरिक राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी निभाएगा, तब तक भारत किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम रहेगा।