गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में 15 सितंबर की रात हुई NEET छात्र दीपक गुप्ता की निर्मम हत्या के बाद प्रदेश सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में दीपक के माता-पिता और परिजनों से मिले। उन्होंने शोकाकुल मां को पांच लाख रुपये का चेक सौंपा और पिता के कंधे पर हाथ रखकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने अफसरों को मौके पर बुलाकर परिवार की समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझाने के निर्देश दिए। इस दौरान गोरखपुर के सांसद रवि किशन भी मौजूद थे। पिता दुर्गेश गुप्ता ने सीएम से बेटे को शहीद का दर्जा देने और गांव की किसी सड़क का नाम दीपक के नाम पर करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने शहीद का दर्जा देने पर कहा कि इसके लिए नियम अलग हैं, लेकिन उन्होंने सड़क का नामकरण करने के प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया। सीएम ने साफ किया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और उनकी संपत्ति तक जब्त की जाएगी।
घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा और पुलिस की कार्रवाई
यह घटना 15 सितंबर की रात लगभग 11.30 बजे पिपराइच थाना क्षेत्र के मऊआचापी गांव में हुई थी, जहां 10 से 12 पशु तस्कर दो पिकअप गाड़ियों में घुस आए थे। उन्होंने दुर्गेश गुप्ता की फर्नीचर की दुकान का ताला तोड़ने की कोशिश की। आवाज सुनकर दुकान के ऊपर सो रहे भांजे ने दीपक को फोन किया, जिसने तुरंत स्कूटी से मौके पर पहुंचकर शोर मचाया। गांव के कई लोग भी पीछे-पीछे वहां पहुंचे, जिससे तस्करों और ग्रामीणों में भिड़ंत हो गई। इस दौरान तस्करों ने फायरिंग की और दीपक को अपनी गाड़ी में खींच ले गए। कुछ दूरी पर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और शव को सड़क किनारे फेंक दिया। घटना के बाद ग्रामीणों ने एक तस्कर को पकड़कर उसकी गाड़ी में आग लगा दी और उसे अधमरा कर दिया। पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों से झड़प हो गई जिसमें एसपी नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच थाना प्रभारी घायल हो गए। बाद में पुलिस ने तस्कर को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अगले दिन सुबह दीपक की मौत की खबर फैलने पर ग्रामीणों ने गोरखपुर-पिपराइच रोड जाम कर दिया और पुलिस पर पथराव कर दिया। करीब पांच घंटे तक तनावपूर्ण माहौल रहा जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन देकर स्थिति को सामान्य कराया।
एनकाउंटर और गिरफ्तारी से बढ़ी जांच की रफ्तार
घटना के बाद गोरखपुर पुलिस और एसटीएफ ने विशेष अभियान चलाकर आरोपियों की तलाश शुरू की। 17 सितंबर को कुशीनगर में पुलिस ने मुख्य आरोपी पशु तस्कर का एनकाउंटर किया और दोनों पैरों में गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा दो अन्य तस्करों को भी पकड़ लिया गया। पकड़े गए आरोपियों में अजब हुसैन नाम का तस्कर पहले से अस्पताल में भर्ती है जिसे ग्रामीणों ने वारदात की रात पकड़ लिया था। SSP राजकरण नय्यर ने पूरी चौकी के खिलाफ विभागीय जांच बैठाई और चौकी इंचार्ज समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। घटना के बाद से ही पुलिस लगातार फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को दोहराया कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि दीपक की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और अपराधियों पर बुलडोजर कार्रवाई सुनिश्चित होगी।