गोरखपुर के डी.डी.यू. यूनिवर्सिटी में 1 नवंबर से शुरू होने वाले ‘गोरखपुर बुक फेस्टिवल 2025’ की तैयारियां अब अंतिम दौर में हैं। नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित यह नौ दिवसीय महोत्सव न सिर्फ पुस्तकों और साहित्य की महक फैलाएगा बल्कि सांस्कृतिक विविधता का भव्य उत्सव भी बनेगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आयोजन को यादगार बनाने के लिए पूरे कैंपस को विशेष रूप से सजाया है और सुरक्षा से लेकर मंच निर्माण तक की सभी व्यवस्थाएं लगभग पूरी कर ली गई हैं। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस भव्य आयोजन का उद्घाटन करेंगे। सुबह 10 बजे सीएम योगी कैंपस पहुंचकर फेस्टिवल की शुरुआत करेंगे और पिछले सप्ताह आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित भी करेंगे। उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी के लिए गर्व का क्षण है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री छात्रों और शिक्षाविदों के बीच संवाद करेंगे। उनके अनुसार, “यह आयोजन केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि गोरखपुर की सांस्कृतिक धरोहर और छात्रों की प्रतिभा को भी नए आयाम देगा।” प्रो. टंडन ने आगे कहा कि यह अवसर यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के लिए मंच प्रदान करेगा जहां वे राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के साथ अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे। उन्होंने शहरवासियों से इस आयोजन में अधिक से अधिक भागीदारी की अपील की और यह भी कहा कि उनकी इच्छा है कि यह महोत्सव हर वर्ष एक एनुअल इवेंट के रूप में गोरखपुर की पहचान बने।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजेगा हर दिन: कथक, पॉप-रॉक से लेकर कवि सम्मेलन तक
‘गोरखपुर बुक फेस्टिवल 2025’ को सिर्फ एक पुस्तक मेले के रूप में नहीं बल्कि एक संपूर्ण सांस्कृतिक उत्सव के रूप में तैयार किया गया है। आयोजन समिति के अनुसार, हर शाम 6 बजे से 8 बजे तक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जिनमें देश के प्रसिद्ध कलाकारों के साथ यूनिवर्सिटी के प्रतिभाशाली छात्र भी प्रस्तुति देंगे। फेस्टिवल के पहले दिन लखनऊ के बिरजू महाराज कथक संस्थान के कलाकार कथक और शास्त्रीय संगीत की जुगलबंदी से उद्घाटन समारोह को रंगीन बनाएंगे। दूसरे दिन यूनिवर्सिटी के छात्र अपनी प्रस्तुति देंगे और शाम को ‘द यूवम प्रोजेक्ट’ पॉप-रॉक और बॉलीवुड बैंड अपने ऊर्जावान प्रदर्शन से दर्शकों को झूमने पर मजबूर करेंगे। तीसरे दिन ‘सुनो कथा श्रीराम की’ शीर्षक से एक विशेष प्रस्तुति के तहत संगीत और नृत्य के माध्यम से रामकथा का मंचन किया जाएगा जबकि कवि सम्मेलन में शहर और देश के प्रमुख कवि अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक संदेश देंगे। चौथे दिन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की मंडली डॉ. देवेंद्र राज अंकुर के निर्देशन में नाटक का मंचन करेगी, जो कला और अभिनय की उत्कृष्टता का नमूना पेश करेगा। पांचवें दिन प्रसिद्ध कवि शंभू शिखर और उनकी टीम अपने व्यंग्य और ओजस्वी कविताओं से माहौल को जोश से भर देंगे। उनके कार्यक्रम को लेकर छात्रों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है क्योंकि वे अपनी कविताओं के माध्यम से समाज के विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए जाने जाते हैं।
समापन होगा लोकसंगीत की मधुर धुनों के साथ: भारतीय परंपरा का उत्सव बनेगा बुक फेस्टिवल
फेस्टिवल के आखिरी तीन दिनों में संगीत और भक्ति का रंग छा जाएगा। 6 नवंबर को सुजीत कुमार ओझा ‘सगुन और निरगुन भक्ति धारा’ के तहत संत कवियों को संगीतमय श्रद्धांजलि देंगे और उसी शाम वंशिका जोशी अपने सुफी रॉक और बॉलीवुड गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगी। 7 नवंबर को लोकप्रिय बैंड ‘कर्मिश लाइव’ बॉलीवुड और सॉफ्ट रॉक म्यूजिक की प्रस्तुति देगा, जबकि 8 नवंबर की शाम को कुमार सत्यं और उनकी टीम अपनी सूफियाना क़व्वालियों से कार्यक्रम को और ऊंचाई देंगे। फेस्टिवल का भव्य समापन 9 नवंबर को होगा जब लोकगीतों की प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी अपने स्वर माधुर्य से भारतीय लोकसंस्कृति की सुगंध बिखेरेंगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया कि सभी कार्यक्रम मुख्य मंच पर होंगे और दर्शकों के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा ताकि अधिक से अधिक लोग इस सांस्कृतिक उत्सव का आनंद ले सकें। इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य भारतीय कला, संगीत, नृत्य और साहित्य की विविध परंपराओं को एक ही मंच पर प्रस्तुत कर युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ना है। ‘गोरखपुर बुक फेस्टिवल 2025’ न केवल पुस्तकों का उत्सव होगा बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक पहचान को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा। सीएम योगी के उद्घाटन के साथ यह आयोजन गोरखपुर को शिक्षा, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानचित्र पर एक नई पहचान देगा। कुलपति पूनम टंडन के शब्दों में, “यह महोत्सव गोरखपुर की मिट्टी में रची-बसी साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना का उत्सव है, जो आने वाले वर्षों में शहर की नई परंपरा बनेगा।”




