गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर में विकास की रफ्तार को और गति देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को कई अहम परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इस अवसर पर वे पॉम पैराडाइज आवासीय योजना के अंतर्गत एलआईजी (Low Income Group) और ईडब्ल्यूएस (Economically Weaker Section) वर्ग के 120 पात्र लाभार्थियों को उनके आवासों की चाबी और कब्जा पत्र सौंपेंगे।
यह योजना देवरिया बाईपास रोड पर स्थित है, जहां गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा बनाए गए आधुनिक फ्लैट अब अपने मालिकों को मिलने जा रहे हैं। इससे गोरखपुर के अल्प आय वर्ग के परिवारों को आवास की सुविधा मिलने के साथ उनका लंबे समय से प्रतीक्षित सपना साकार होगा। कार्यक्रम के लिए गुरुवार को जीडीए उपाध्यक्ष आनंदवर्द्धन के नेतृत्व में तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।
मुख्यमंत्री इस मौके पर परियोजना स्थल का निरीक्षण भी करेंगे और लाभार्थियों से संवाद करेंगे। यह आयोजन शहर के लिए एक बड़ा सामाजिक और विकासात्मक कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे न केवल गरीबों को आवास मिलेगा बल्कि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का भी विस्तार होगा।
118 करोड़ की विकास परियोजनाओं से बदलेगा शहर का चेहरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम के दौरान गोरखपुर विकास प्राधिकरण की लगभग 118 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का भी लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं का उद्देश्य शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ बनाना और नागरिक सुविधाओं को आधुनिक स्वरूप देना है।
प्रमुख परियोजनाओं में इंदिरा बाल विहार परिसर में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण, रामगढ़ताल रिंग रोड फेज-2 पर रिटेनिंग वॉल और डेकोरेटिव लाइटों की स्थापना, रामगढ़ताल में एक नई जेट्टी का निर्माण, तथा राप्तीनगर विस्तार आवासीय परियोजना के ऊपर से गुजर रही 132 केवी बिजली लाइन की शिफ्टिंग शामिल हैं। इसके अलावा देवरिया रोड पर पंचमुखी हनुमान मंदिर के सामने स्मार्ट पार्किंग की सुविधा भी विकसित की जाएगी, जिससे वहां यातायात व्यवस्था सुचारू हो सकेगी।
मुख्यमंत्री इन परियोजनाओं के माध्यम से गोरखपुर को स्मार्ट सिटी की दिशा में आगे बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इन योजनाओं से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि शहरवासियों को स्वच्छ, सुगम और बेहतर परिवेश भी मिलेगा।
ई-लॉटरी में असफल आवेदकों को लौटी पंजीकरण राशि
गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में एक और सराहनीय कदम उठाया है। पॉम पैराडाइज आवासीय योजना के तहत आयोजित ई-लॉटरी में जिन आवेदकों को फ्लैट नहीं मिला, उनके खातों में पंजीकरण शुल्क की पूरी राशि वापस कर दी गई है।
जीडीए अधिकारियों के अनुसार, कुल 9,333 आवेदकों ने इस योजना के लिए आवेदन किया था, जिनमें से 120 पात्र आवेदकों को फ्लैट आवंटित किए गए हैं। शेष 9,213 आवेदकों को लगभग 47 करोड़ रुपये की पंजीकरण राशि लौटा दी गई है। एलआईजी फ्लैट के लिए पंजीकरण शुल्क ₹1,08,000 और ईडब्ल्यूएस फ्लैट के लिए ₹54,000 निर्धारित था। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और वरिष्ठ नागरिक आवेदकों के लिए यह शुल्क आधा रखा गया था।
इस कदम से प्रशासन की पारदर्शिता और जनता के प्रति जिम्मेदारी की भावना झलकती है। जीडीए का यह प्रयास यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार आवासीय योजनाओं को न केवल तेजी से लागू करने में विश्वास रखती है, बल्कि आम नागरिकों के आर्थिक हितों की रक्षा में भी तत्पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में यह आयोजन गोरखपुर के विकास के लिए एक नया अध्याय खोलेगा, जहां आवास, बुनियादी ढांचा और नागरिक सुविधाएं एक साथ मजबूत होंगी।