गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को 5 दिवसीय यात्रा पर गोरखपुर पहुंचे। दोपहर करीब 3 बजे गोरखपुर आगमन के बाद सबसे पहले वे कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माता मंदिर गए और माता का दर्शन किया। बुढ़िया माता के दर्शन के बाद मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने गोरक्षपीठाशीश्वर के रूप में महानिशा पूजा में भाग लिया। इस दौरान मंदिर परिसर और आसपास की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। सीएम का दौरा न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है बल्कि यह क्षेत्र में सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नवरात्रि, कन्या पूजन और दशहरा तैयारी
मुख्यमंत्री की गोरखनाथ मंदिर में उपस्थिति मंगलवार और बुधवार को भी जारी रहेगी। बुधवार को वे कन्या पूजन में शामिल होंगे, जिसमें देवी स्वरूपा कन्याओं के पांव धोकर भोजन कराएंगे और उपहार प्रदान करेंगे। 2 अक्टूबर को दशहरा के दिन मुख्यमंत्री पारंपरिक वेशभूषा में विजयदशमी शोभा यात्रा में शामिल होंगे। शोभा यात्रा गोरखनाथ मंदिर से शुरू होकर मानसरोवर मंदिर तक जाएगी। वहां पूजा-अर्चना के बाद रामलीला मैदान में भगवान श्रीराम का राजतिलक किया जाएगा, और इसके बाद सीएम गोरखनाथ मंदिर लौटेंगे। इस कार्यक्रम के बाद अगले दिन मुख्यमंत्री के लखनऊ रवाना होने की संभावना है।
नवरात्रि के सातवें दिन माता कात्यायनी की पूजा
शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में माता कात्यायनी की विशेष पूजा आयोजित की गई। मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने आरती और पूजन का संचालन किया। माता कात्यायनी शक्ति और वीरता का प्रतीक हैं और उन्हें एक योद्धा देवी के रूप में जाना जाता है जिन्होंने असुरों का संहार किया। नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान भी होता है, जिसमें साधक का मन सहस्रार चक्र में स्थित रहता है और ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुल जाता है। माता कालरात्रि को देवी काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृत्यू-रुद्राणी, चामुंडा और चंडी सहित कई विनाशकारी रूपों में पूजा जाता है। इस दौरान भक्तों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर नवरात्रि की महिमा का अनुभव किया।