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बच्चों की धार्मिक प्रस्तुति ने गुरुद्वारा जटाशंकर में बिखेरा रंग: गुरुनानक प्रकाश पर्व पर कीर्तन और गुरुबाणी पाठ से गूंजा माहौल

गोरखपुर के जटाशंकर गुरुद्वारे में बच्चों की धार्मिक ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित, नन्हें प्रतिभागियों ने कीर्तन, कविता और गुरुबाणी पाठ से जीता सबका दिल

Children performing kirtan and Gurbani at Jatashankar Gurudwara Gorakhpur | Gorakhpur News

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर शहर के प्रमुख जटाशंकर गुरुद्वारे में सोमवार को आयोजित धार्मिक ज्ञान प्रतियोगिता ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावविभोर कर दिया। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में नन्हें बच्चों ने अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से समूचे वातावरण को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। दर्जनों बच्चों ने इसमें भाग लिया और अपने कीर्तन, कविता, कथा और गुरुबाणी पाठ से यह साबित कर दिया कि नई पीढ़ी में भी धार्मिक ज्ञान और संस्कारों की गहरी समझ बनी हुई है। बच्चों की प्रस्तुतियों में न केवल शब्दों की पवित्रता झलक रही थी, बल्कि उनमें छिपी भक्ति भावना ने श्रोताओं को प्रभावित कर दिया। छोटे बच्चों के मुख से जब गुरुबाणी के स्वर गूंजे तो वहां मौजूद श्रद्धालु भावनाओं में डूब गए। उनके धर्म और परंपराओं के प्रति जागरूकता देख बड़ों ने जयघोष किया और कहा कि ऐसे बच्चे ही समाज की आध्यात्मिक नींव को मजबूत करते हैं।

संस्कारों से गढ़ी आस्था और बच्चों का प्रदर्शन

गुरुद्वारे में आयोजित इस धार्मिक प्रतियोगिता ने यह प्रमाणित किया कि बच्चों को जैसे संस्कार मिलते हैं, वे उसी के अनुरूप अपने विचार और कर्मों को आकार देते हैं। कार्यक्रम में एकस, अंगदजीत, अर्जनजीत, निहित, आदित्य, परमीत, प्रभजोत, श्रेयांश, करनवीर, अंगद, सिद्धि, यश, अनन्य, जरनैल और कई अन्य बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया। इन सभी प्रतिभागियों ने बड़े प्रभावशाली अंदाज में कीर्तन, काव्य पाठ, लेक्चर और गुरुबाणी का गायन किया। उनकी आवाज़ में भक्ति की मिठास थी और शब्दों में धर्म की गहराई। मंच पर जैसे ही कोई बच्चा कीर्तन शुरू करता, पूरा परिसर ‘वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह’ के जयघोष से गूंज उठता। गुरुद्वारा प्रबंध समिति ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर उनका उत्साह बढ़ाया। इस अवसर पर अरदास और सुखासन के बाद गुरु के अटूट लंगर का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्ति और सेवा भाव से भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य जगनैन सिंह नीटू ने किया। उन्होंने बच्चों को उनके ज्ञान और समर्पण के लिए सराहा और कहा कि यह आयोजन केवल प्रतियोगिता नहीं बल्कि सिख धर्म के मूल सिद्धांत-सेवा, सच्चाई और विनम्रता-का जीवंत उदाहरण है।

प्रकाश पर्व की तैयारियां और आने वाले कार्यक्रम

सिख धर्म के संस्थापक सतगुरु गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को लेकर जटाशंकर गुरुद्वारे में पिछले एक महीने से धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों की श्रृंखला चल रही है। आयोजन समिति के अध्यक्ष जसपाल सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। 4 नवंबर को परंपरागत ‘निशान साहिब’ के वस्त्र परिवर्तन की सेवा की जाएगी, जिसके बाद शाम 6:30 बजे से रात 10 बजे तक बाहर से आए विश्वप्रसिद्ध रागी जत्थे और कथावाचक अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इस कार्यक्रम का समापन गुरु के लंगर के साथ होगा। आयोजन की सफलता में प्रबंध समिति के सदस्य रजिंदर, अशोक मल्होत्रा, चरणप्रीत, धर्मपाल, परमिंदर, डॉ. दीपक, हरप्रीत, मंजीत, सतनाम, मनप्रीत, कुलदीप, जसविंदर, गुरविंदर और अरविंदर समेत कई लोगों का योगदान रहा। सभी ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि आयोजन का हर चरण अनुशासन, मर्यादा और भक्ति के भाव से सम्पन्न हो। जटाशंकर गुरुद्वारा न केवल सिख समाज का प्रमुख धार्मिक स्थल है बल्कि यह सांस्कृतिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है, जहां हर धर्म और समुदाय के लोग समान भाव से श्रद्धा प्रकट करते हैं। बच्चों की यह धार्मिक प्रतियोगिता इसी भावना का प्रतीक बनी, जिसने यह संदेश दिया कि धर्म का असली अर्थ है ज्ञान, भक्ति और मानवता। गुरुद्वारे में उपस्थित सभी श्रद्धालु इस बात से सहमत दिखे कि ऐसे आयोजनों से समाज में न केवल धार्मिक चेतना बढ़ती है बल्कि नई पीढ़ी में अपने धर्म और संस्कृति के प्रति आदर की भावना भी गहराती है।

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