Hindi News / State / Uttar Pradesh / Gorakhpur News Today (गोरखपुर समाचार) / Gorakhpur News : छठ पूजा के बाद ट्रेनों में यात्रियों की जान पर खेलकर यात्रा, गोरखपुर स्टेशन पर ट्रेनें खचाखच भरी, दरवाजों पर लटके लोग बोले- इंतजाम फेल, पैर रखने की भी जगह नहीं

Gorakhpur News : छठ पूजा के बाद ट्रेनों में यात्रियों की जान पर खेलकर यात्रा, गोरखपुर स्टेशन पर ट्रेनें खचाखच भरी, दरवाजों पर लटके लोग बोले- इंतजाम फेल, पैर रखने की भी जगह नहीं

Gorakhpur news in hindi : छठ पूजा के बाद यात्रियों की जान जोखिम में यात्रा, रेलवे प्रशासन के इंतजाम ध्वस्त


Overcrowded train after Chhath Puja in Gorakhpur railway station | Gorakhpur News

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – छठ पूजा के समापन के बाद जैसे ही लोगों की घर वापसी शुरू हुई, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के रेलवे स्टेशनों पर अफरा-तफरी मच गई। गोरखपुर, मुजफ्फरपुर, पटना और दरभंगा की ओर जाने वाली अधिकांश ट्रेनों में यात्रियों की संख्या क्षमता से कई गुना अधिक हो गई है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर बुधवार को आम्रपाली एक्सप्रेस के पहुंचते ही स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आते ही सैकड़ों लोग दरवाजों की ओर टूट पड़े। उतरने वालों से पहले चढ़ने की कोशिश में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। लोग अपने बच्चों को गोद में उठाकर किसी तरह अंदर प्रवेश करने की जद्दोजहद में जुटे रहे। अंदर पहुंचने के बाद यात्रियों ने बताया कि ट्रेन के डिब्बे में न तो खड़े होने की जगह है और न ही सांस लेने की। खचाखच भरे कोच में यात्रियों को दरवाजों और गलियारों में जगह बनाकर किसी तरह सफर करना पड़ा। कई लोग तो ट्रेन के दरवाजे पर लटककर यात्रा करते नजर आए। कई यात्रियों ने कहा कि यह दृश्य ऐसा लग रहा था जैसे हर कोई अपनी जान जोखिम में डालकर घर लौटना चाहता हो। एक महिला अपनी बेटी को लेकर ट्रेन में चढ़ी, लेकिन जैसे ही अंदर पहुंची, बच्ची भीड़ देखकर डर गई और रोने लगी। मजबूरी में महिला ट्रेन से उतरकर अगली गाड़ी का इंतजार करने लगी। इस दौरान प्लेटफॉर्म पर भीड़ इतनी अधिक थी कि यात्री ट्रेन की खिड़कियों से चढ़ने की कोशिश कर रहे थे।

इंतजाम नाकाफी, यात्रियों की परेशानियां बढ़ीं

यात्रियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन ने इस भीड़ का अनुमान तो लगाया था, लेकिन पर्याप्त इंतजाम नहीं किए। छठ पूजा के बाद हर साल यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है, बावजूद इसके अतिरिक्त ट्रेनों की संख्या सीमित रखी गई। गोरखपुर स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों ने व्यवस्था संभालने की कोशिश की, लेकिन स्थिति ऐसी थी कि सुरक्षा बलों को भी भीड़ को नियंत्रित करने में मुश्किल हुई। दैनिक भास्कर के संवाददाता ने जब ट्रेन के अंदर का हाल देखा, तो वहां लोगों की दुर्दशा स्पष्ट दिखाई दी। किसी एक सीट पर चार-पांच लोग ठुंसे हुए बैठे थे। गलियारों में लोग फर्श पर बैठे थे, जिससे आवागमन मुश्किल हो गया था। शौचालयों की हालत बदतर थी, सफाई और पानी की व्यवस्था पूरी तरह ठप थी। कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें बिना टिकट या वेटिंग टिकट के सफर करना पड़ रहा है क्योंकि आरक्षण मुश्किल से मिल रहा है। एक यात्री ने कहा, “हमने सोचा था कि छठ के दो दिन बाद भीड़ कम होगी, लेकिन यहां तो हालात पहले से खराब हैं। अब तो गेट पर लटककर जाना ही मजबूरी है।” कई यात्रियों ने रेलवे से मांग की कि त्योहारों के दौरान विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि आम लोगों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का मौका मिल सके।

आने वाले दिनों में और बढ़ेगी भीड़

रेलवे सूत्रों के अनुसार, छठ पर्व के बाद पूर्वांचल और बिहार से आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या अगले कुछ दिनों तक और बढ़ेगी। सरकारी और निजी क्षेत्रों में छुट्टियां खत्म होने के बाद लोग अपने काम पर लौट रहे हैं, जिससे स्टेशनों पर भीड़ लगातार बढ़ रही है। आम्रपाली एक्सप्रेस, अवध-असम एक्सप्रेस, सत्याग्रह एक्सप्रेस और बिहार संपर्क क्रांति जैसी ट्रेनों में आरक्षण पूर्ण हो चुका है। रेलवे ने फिलहाल कुछ विशेष ट्रेनों के परिचालन पर विचार शुरू किया है, लेकिन यात्रियों का कहना है कि यह निर्णय देर से लिया जा रहा है। कई लोगों ने शिकायत की कि प्लेटफॉर्म पर घोषणाएं समय से नहीं होतीं और यात्रियों को ट्रेन का सही प्लेटफॉर्म पता नहीं चल पाता, जिससे अफरा-तफरी बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों के मौसम में रेलवे को अग्रिम योजना बनाकर अतिरिक्त ट्रेनों और सुरक्षा प्रबंधन की व्यवस्था करनी चाहिए थी। इस बीच, सोशल मीडिया पर भीड़भाड़ वाली ट्रेनों के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोग दरवाजों पर लटकते, कोच की छतों पर बैठते और गलियारों में ठुंसे दिखाई दे रहे हैं। यात्रियों ने कहा कि यह स्थिति न केवल असुविधाजनक बल्कि जानलेवा भी है। रेलवे अधिकारियों ने दावा किया है कि भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है और स्टेशनों पर हेल्प डेस्क बनाए जा रहे हैं, लेकिन यात्रियों का कहना है कि जब तक वास्तविक रूप से ट्रेनें नहीं बढ़ाई जातीं, तब तक राहत मिलना मुश्किल है। छठ के बाद की इस भीड़ ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि त्योहारों के समय बढ़ती मांग के अनुरूप रेलवे व्यवस्था कब तक तैयार होगी।

Share to...