गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर की ‘चटोरी गली’, जो कभी शाम होते ही स्वादिष्ट व्यंजनों की खुशबू और रंगीन लाइटों से जगमगाती थी, अब गाड़ियों की भीड़ और शोरगुल में अपनी पहचान खोती जा रही है। शहरवासियों के लिए यह जगह महज खाने-पीने का ठिकाना नहीं, बल्कि एक खूबसूरत फैमिली स्पॉट थी, जहां बच्चे खेलते थे और लोग आराम से घूमते थे। लेकिन अब यह गली धीरे-धीरे पार्किंग एरिया में तब्दील होती दिख रही है। हर शाम एंट्री प्वाइंट पर बुलेट, ई-रिक्शा और कारों की लंबी कतार लग जाती है। नो-व्हीकल जोन घोषित होने के बावजूद लगातार वाहन यहां आते-जाते रहते हैं, जिससे पैदल चलने वालों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोगों का कहना है कि पहले जहां गली की लाइटें और सेल्फी प्वाइंट आकर्षण का केंद्र हुआ करते थे, वहीं अब गाड़ियों की कतारें और हॉर्न की आवाजें माहौल को बिगाड़ रही हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन की ढिलाई के चलते यह इलाका अपनी खूबसूरती और सुरक्षित माहौल दोनों खोता जा रहा है।
सुरक्षा पर खतरा, बच्चों और परिवारों के लिए नहीं रहा सुरक्षित जोन
गली में बढ़ते वाहनों के कारण यहां घूमने आने वाले परिवार और बच्चे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। शुक्रवार की शाम फैमिली के साथ आई अमृता ने बताया कि वह अपने बच्चों के साथ स्ट्रीट फूड का मज़ा लेने आई थीं, लेकिन जगह-जगह खड़ी गाड़ियों और चलती बाइकों से डर का माहौल बना हुआ था। उन्होंने कहा कि उनका छोटा बेटा खेलते हुए सड़क किनारे गया तो एक बाइक तेज़ी से आकर उसके पास रुकी, जिससे बच्चा डरकर रोने लगा। अमृता ने कहा कि नो-व्हीकल जोन में इस तरह का ट्रैफिक पूरी तरह अस्वीकार्य है और प्रशासन को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं एक कॉलेज छात्र ने बताया कि उसे ट्रैफिक पुलिस ने स्कूटी पार्किंग से हटाने के लिए कहा और चेतावनी दी कि नियम तोड़ने पर चालान होगा। हालांकि उसने माना कि सुरक्षा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है, लेकिन सवाल यह भी है कि जब इलाके को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है, तो चार पहिया वाहनों को क्यों नहीं रोका जा रहा। लोगों का कहना है कि अगर जल्द सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यहां किसी बड़े हादसे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
नगर निगम की कार्रवाई सीमित, चारपहिया वाहनों पर सख्ती का इंतजार
नगर निगम के अनुसार, चटोरी गली के दोनों एंट्री प्वाइंट से प्रतिदिन 50 से अधिक दोपहिया वाहनों को हटाया जा रहा है और उन्हें जलकल बिल्डिंग स्थित पार्किंग में शिफ्ट किया जा रहा है। नियम तोड़ने वालों पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है, लेकिन यह कार्रवाई फिलहाल केवल दोपहिया वाहनों तक सीमित है। चार पहिया गाड़ियों के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय दुकानदारों और रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि बिना पार्किंग व्यवस्था सुधारे यह समस्या खत्म नहीं होगी। उनका मानना है कि गली की खूबसूरती और आकर्षण तभी लौटेगा जब वहां पैदल यात्रियों को स्वतंत्र रूप से घूमने की सुविधा मिलेगी और वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद हो जाएगा। शहर के शहरी विकास विशेषज्ञों का कहना है कि चटोरी गली जैसे स्थान न केवल पर्यटन को बढ़ावा देते हैं बल्कि शहर की पहचान भी बनाते हैं, इसलिए इनकी देखरेख और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। फिलहाल, प्रशासन ने कहा है कि जल्द ही इस क्षेत्र में स्थायी बैरिकेडिंग और निगरानी के लिए ट्रैफिक कर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी ताकि ‘नो-व्हीकल जोन’ का पालन सख्ती से हो सके और चटोरी गली अपनी पुरानी चमक फिर से हासिल करे।




