गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा सत्र 2025 की “लिस्ट ऑफ कैंडिडेट (LOC)” में दर्ज छात्र विवरण के सुधार की अंतिम तिथि आज तय की है। इस संबंध में गोरखपुर क्षेत्र के सभी CBSE से संबद्ध स्कूलों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने विद्यालयों के विद्यार्थियों का डेटा ध्यानपूर्वक जांच लें और आवश्यक सुधार समय सीमा के भीतर पूरा करें। बोर्ड ने साफ कहा है कि निर्धारित समय के बाद किसी भी स्कूल या छात्र को संशोधन का कोई अवसर नहीं दिया जाएगा। CBSE ने यह सुधार विंडो 13 अक्टूबर को खोली थी, जिसके तहत नाम, जन्मतिथि, माता-पिता के नाम और विषय चयन जैसे मुख्य विवरणों में संशोधन की अनुमति दी गई थी। बोर्ड ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए स्कूलों को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि डेटा अपलोड करने से पहले छात्रों और अभिभावकों द्वारा प्रत्येक प्रविष्टि की पुष्टि की जाए। गोरखपुर के शिक्षा जगत में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस सुधार की अंतिम समयसीमा बीतने के बाद किसी भी त्रुटिपूर्ण जानकारी को सुधारना असंभव हो जाएगा, जिससे छात्रों को भविष्य में प्रवेश, प्रमाणपत्र या अन्य दस्तावेज़ों में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
CBSE की सख्त गाइडलाइन, सटीकता और पूर्ण नाम जरूरी
बोर्ड ने पहले ही 27 अगस्त और 18 सितंबर को जारी अधिसूचनाओं में सभी स्कूल प्रधानाचार्यों को चेताया था कि LOC डेटा पूरी सटीकता और जिम्मेदारी के साथ अपलोड किया जाए। बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी विद्यार्थी या अभिभावक के नाम में संक्षिप्त रूप या गलत वर्तनी स्वीकार नहीं की जाएगी। सभी नाम पूरे रूप में दर्ज किए जाने चाहिए ताकि परीक्षा परिणाम और प्रमाणपत्रों में कोई विसंगति न उत्पन्न हो। CBSE ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह सुधार विंडो मूल विवरणों – जैसे छात्र का पूरा नाम, जन्मतिथि, माता-पिता के नाम और विषय विवरण – में संशोधन का अंतिम अवसर है। गोरखपुर के अधिकांश स्कूलों ने अपने स्तर पर छात्रों और अभिभावकों से सत्यापन स्लिप पर हस्ताक्षर लेकर डेटा की जांच शुरू कर दी है, लेकिन कई स्कूलों में प्रक्रिया अभी जारी है। CBSE ने सभी विद्यालयों को चेतावनी दी है कि देर होने की स्थिति में बोर्ड किसी प्रकार की रियायत नहीं देगा। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सख्ती इसलिए की जा रही है ताकि आगामी परीक्षा सत्र में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक गड़बड़ी से बचा जा सके और छात्रों को किसी भी स्तर पर परेशानी का सामना न करना पड़े।
कोऑर्डिनेटर की अपील, समय रहते करें सुधार
गोरखपुर क्षेत्र के CBSE कोऑर्डिनेटर अजीत दीक्षित ने कहा कि बोर्ड ने स्कूलों और छात्रों को पर्याप्त समय और कई अवसर प्रदान किए हैं। अब यह अंतिम दिन है और इसके बाद कोई सुधार या परिवर्तन स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी विद्यालय प्रधानाचार्यों, छात्रों और उनके अभिभावकों से अपील की है कि वे देर किए बिना अपने-अपने रिकॉर्ड की जांच कर लें। उन्होंने कहा, “अक्सर छात्र छोटे-छोटे विवरणों जैसे नाम की स्पेलिंग या जन्मतिथि में गलती कर देते हैं, लेकिन ये मामूली त्रुटियां भविष्य में बड़े प्रशासनिक या दस्तावेजी विवाद का कारण बन सकती हैं।” CBSE के इस निर्णय का उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाना है, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर जारी प्रमाणपत्रों में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे। कोऑर्डिनेटर ने यह भी बताया कि बोर्ड द्वारा छात्रों को ऑनलाइन सहायता और हेल्पडेस्क की सुविधा भी दी गई है, जहां किसी तकनीकी दिक्कत की स्थिति में स्कूल अपने सवालों का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा विभाग का मानना है कि डेटा सुधार की यह प्रक्रिया न केवल बोर्ड की पारदर्शिता बढ़ाती है बल्कि विद्यार्थियों को भविष्य में प्रमाणन और प्रवेश से जुड़ी सभी औपचारिकताओं में निर्बाध सुविधा सुनिश्चित करती है। CBSE का यह कदम इस बात का संकेत है कि आने वाले वर्षों में छात्र डेटा प्रबंधन और परीक्षा प्रशासन और अधिक डिजिटल, सटीक और उत्तरदायी स्वरूप लेने जा रहा है।




