गोरखपुर के कैंपियरगंज विद्युत वितरण खंड में बड़ा घोटाला सामने आया है। कटिया कनेक्शन के मामले में एफआईआर को निरस्त करने और निगम को भारी नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक्सईएन दिनेश कुमार, एसडीओ चंद्रभान चौरसिया और जेई नंदू राम को निलंबित कर दिया गया है। वहीं संविदा लाइनमैन लवकुश मिश्रा और श्रमिक विपिन पांडेय की सेवा समाप्त कर दी गई। मामला 23 अगस्त 2022 का है, जब जय प्रकाश टेंट हाउस संचालक कमलेश मौर्य बिजली चोरी करते हुए पकड़े गए थे। इस पर एफआईआर दर्ज हुई और 13 मई 2024 को 7,64,712 रुपये का राजस्व निर्धारण हुआ। लेकिन 24 जून 2025 को एक्सईएन दिनेश कुमार ने एफआईआर निरस्त करने की संस्तुति कर दी।
अफसरों पर गिरी गाज, बर्खास्तगी तक पहुंचा मामला
मुख्य अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव ने जांच रिपोर्ट प्रबंध निदेशक शंभू कुमार को भेजी, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद एमडी ने सख्त कार्रवाई करते हुए तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया। साथ ही लाइनमैन और श्रमिक को भी बर्खास्त कर दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई बिजली विभाग में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने और उपभोक्ताओं को सही संदेश देने के लिए की गई है।
बड़हलगंज में भी जेई का कारनामा
इसी बीच बड़हलगंज से भी एक अजीबोगरीब लापरवाही सामने आई। यहां के एक जेई ने उपभोक्ता से रुपये लेकर कनेक्शन तो कर दिया और लाइन भी पहुंचा दी, लेकिन मीटर लगाना ही भूल गया। 27 अप्रैल 2025 को उपभोक्ता को बिना मीटर लगाए बिल थमा दिया गया, जिसमें 14 अक्टूबर 2024 की संयोजन तिथि और मीटर नंबर भी अंकित था। शिकायत दर्ज होने पर विभाग ने आनन-फानन में 2 अगस्त को मीटर लगाया। इस घटना ने विभागीय कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह पूरा मामला दिखाता है कि बिजली विभाग की लापरवाही और मिलीभगत से न सिर्फ उपभोक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ रही है, बल्कि निगम को भी लाखों का चूना लग रहा है। अब सख्त कार्रवाई से उम्मीद है कि इस तरह की गड़बड़ियों पर लगाम लगेगी।