मां की डांट से नाराज होकर घर से निकला छात्र
हरियाणा के यमुनानगर में रविवार को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जब सातवीं कक्षा में पढ़ने वाला एक 13 वर्षीय छात्र अपनी मां की हल्की सी डांट से नाराज होकर घर से निकल गया। जानकारी के अनुसार, लाजपत नगर इलाके में रहने वाले धर्मेंद्र गुप्ता का बेटा हरीश गुप्ता घर पर टीवी देख रहा था। इस दौरान गलती से टीवी का रिमोट टूट गया। रिमोट टूटने पर मां ने उसे डांट दिया और उसी बात को दिल पर लेकर बच्चा अचानक घर से बाहर चला गया। परिवार ने पहले यह समझा कि हरीश आसपास खेल रहा होगा, लेकिन जब देर शाम तक वह वापस नहीं लौटा तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। बच्चे के अचानक गायब हो जाने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पिता धर्मेंद्र, जो गोरखपुर के मूल निवासी हैं और फिलहाल यमुनानगर में फैक्ट्री में कार्यरत हैं, ने आसपास ढूंढा लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। आखिरकार परिवार ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
गलत ट्रेन पकड़कर पटियाला पहुंचा बच्चा
परिवार और पुलिस दोनों ही बच्चे को लेकर परेशान थे, लेकिन उन्हें तब राहत मिली जब देर रात जानकारी मिली कि हरीश सुरक्षित है। जांच में सामने आया कि बच्चा गोरखपुर में अपने दादा-दादी से मिलने की सोचकर घर से निकला था। जेब में पैसे तक न होने के बावजूद उसने रेलवे स्टेशन का रुख किया और वहां से ट्रेन पकड़ ली। लेकिन अनजाने में वह गलत ट्रेन में चढ़ गया और गोरखपुर की बजाय पंजाब के पटियाला जा पहुंचा। पटियाला पहुंचने के बाद उसने एक यात्री से गोरखपुर के बारे में पूछताछ की, तभी उसे बताया गया कि वह गलत ट्रेन में बैठा है। बच्चा अकेला देख कर उस यात्री ने मामले की सूचना रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को दी। इसके बाद आरपीएफ ने बच्चे को अपने संरक्षण में लिया और मामले की जानकारी यमुनानगर पुलिस और परिजनों को दी।
पुलिस और आरपीएफ ने सुरक्षित परिजनों तक पहुंचाया
करीब आधी रात को सीआरपीएफ और आरपीएफ के जरिए धर्मेंद्र गुप्ता को फोन आया कि उनका बेटा सुरक्षित है और यमुनानगर रेलवे स्टेशन पर है। पिता तत्काल स्टेशन पहुंचे जहां औपचारिक वेरिफिकेशन के बाद हरीश को परिजनों के हवाले कर दिया गया। इस पूरी घटना ने परिवार को गहरी चिंता और परेशानी में डाल दिया था, लेकिन अंततः बच्चा सुरक्षित लौट आया। धर्मेंद्र गुप्ता ने इस संबंध में थाने को सूचित कर दिया है। इस मामले ने यह साफ कर दिया कि बच्चों के छोटे-छोटे भावनात्मक आघात भी बड़े कदम उठाने पर मजबूर कर सकते हैं। पुलिस अधिकारियों ने भी अभिभावकों को सलाह दी है कि वे बच्चों के साथ संवाद बनाए रखें और छोटी बातों पर भी उनकी भावनाओं को गंभीरता से लें। फिलहाल हरीश सकुशल घर लौट चुका है और परिवार ने राहत की सांस ली है।