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भाजपा विधायक महेंद्रपाल के खिलाफ सैंथवार मल्ल महासभा की नाराज़गी

महासभा अध्यक्ष बोले- माफी मांगकर समाज का मान-सम्मान किया कम, विधायक ने साजिश की ओर भी किया इशारा

BJP MLA Mahendrapal Singh facing criticism from Santhwar Mall Mahasabha

महासभा ने विधायक की माफी पर उठाए सवाल – भाजपा विधायक महेंद्रपाल सिंह, जिन्हें सैंथवार समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है, इन दिनों अपने ही समुदाय की नाराज़गी झेल रहे हैं। कारण है उनके भाई भोलेंद्र पाल की आपत्तिजनक टिप्पणी और उसके लिए विधायक द्वारा सार्वजनिक रूप से मांगी गई माफी। रविवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक ने कहा था कि भोलेंद्र की खराब आदतों के चलते परिवार में लंबे समय से अलगाव है और उनका उससे 25 वर्षों से कोई संबंध नहीं है। इसके बावजूद खून का रिश्ता होने के नाते उन्होंने मुख्यमंत्री, उनके ओएसडी और विधायक से माफी मांगी। लेकिन इसी कदम को लेकर सैंथवार मल्ल महासभा ने उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गंगा सिंह सैंथवार ने कहा कि विधायक का यह कदम पूरे समाज का मान-सम्मान गिराने वाला है और इससे ऐसा आभास होता है मानो वह खुद किसी मुकदमे में मुलजिम हों।

विधायक ने साजिश का लगाया था अंदेशा

मामले को लेकर सफाई देते हुए विधायक महेंद्रपाल सिंह ने इसे केवल भाई की गलती भर नहीं बताया बल्कि राजनीतिक साजिश की ओर भी संकेत किए। उनका कहना था कि पिपराइच क्षेत्र के कुछ राजनीतिक विरोधी लंबे समय से उन्हें निशाना बना रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि उनके भाई भोलेंद्र की गलत आदतों का फायदा उठाकर किसी ने उसे शराब पिलाई और भड़काकर विवादित पोस्ट लिखवाई, जिसे बाद में योजनाबद्ध तरीके से सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। विधायक ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि यदि साजिश की पुष्टि होती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, उन्होंने यह भी साफ किया कि अपने भाई की गलती को लेकर वह कानून के साथ खड़े हैं और भोलेंद्र को उसकी गलती की सजा मिलनी ही चाहिए।

महासभा के रुख से बढ़ी राजनीतिक हलचल

सैंथवार मल्ल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गंगा सिंह सैंथवार ने यह भी कहा कि संगठन समाज के हर व्यक्ति के न्याय की लड़ाई लड़ेगा। उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोग मानते हैं कि यह संकेत भोलेंद्र सिंह को भी संरक्षण देने की ओर इशारा है, जबकि अन्य इसे केवल समाज के सम्मान की लड़ाई मान रहे हैं। फिलहाल, विधायक की सार्वजनिक माफी और महासभा का कड़ा विरोध सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर असहज स्थिति पैदा कर रहा है। एक ओर विधायक समाज और पार्टी के बीच संतुलन साधने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं महासभा की नाराज़गी ने मामले को और पेचीदा बना दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में भाजपा नेतृत्व और सैंथवार समाज इस विवाद को किस दिशा में ले जाते हैं।

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