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Gorakhpur News : गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय में रक्ताल्पता और अन्य बीमारियों पर होगा क्लीनिकल शोध

Gorakhpur news in hindi : राज्य का पहला आयुर्वेदिक संस्थान जिसे क्लीनिकल एथिकल कमेटी से मिली मान्यता, प्लास्टिक मुक्त परिसर का भी संकल्प

Ayush University Clinical Research on Anemia and Bone Health | Gorakhpur News

गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय ने राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्सा क्षेत्र में एक नया कदम उठाया है। विश्वविद्यालय को क्लीनिकल एथिकल कमेटी से मान्यता मिल गई है, जिसके बाद अब रक्ताल्पता (anemia), पीलिया (jaundice) और बोन मिनरल डेंसिटी पर शोध कार्य प्रारंभ किया जाएगा। कुलपति डा. के रामचंद्र रेड्डी ने विश्वविद्यालय परिसर का निरीक्षण करते हुए शोध कार्य को तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिए।

यह राज्य का पहला ऐसा संस्थान है जिसे आयुर्वेद में क्लीनिकल शोध के लिए मान्यता प्राप्त हुई है। विश्वविद्यालय के अनुसार, अब राज्य के अन्य आयुर्वेद कालेजों में किए जाने वाले शोध कार्यों को भी विश्वविद्यालय पंजीकृत कराएगा और उन्हें सीटीआरआइ (Clinical Trial Registry of India) से मान्यता दिलाएगा। इससे शोध की गुणवत्ता और प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी।

शोध के उद्देश्य और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर प्रभाव

शोध का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से रक्ताल्पता, पीलिया और हड्डियों की मजबूती से संबंधित बीमारियों के लिए प्रभावी उपायों को पहचानना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अध्ययन मरीजों के लिए सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों को वैज्ञानिक दृष्टि से स्थापित करने में मदद करेगा।

कुलपति ने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय परिसर को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है। इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि शोध कार्यों और स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण भी उपलब्ध होगा। विश्वविद्यालय में होने वाले शोध कार्य से स्थानीय और राज्य स्तर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी और चिकित्सकों एवं विद्यार्थियों के लिए सीखने और अनुसंधान के अवसर बढ़ेंगे।

भविष्य की योजना और अनुसंधान विस्तार

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय भविष्य में और भी रोगों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों पर शोध कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है। इसके लिए आवश्यक उपकरण और प्रयोगशालाएं विकसित की जा रही हैं। राज्य सरकार और विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा को वैज्ञानिक आधार पर मजबूत किया जाए और जनता तक स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जाए।

इस पहल से गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय न केवल राज्य का अग्रणी आयुर्वेदिक शोध संस्थान बनेगा, बल्कि पूरे देश में क्लीनिकल आयुर्वेदिक अनुसंधान के क्षेत्र में एक आदर्श उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा।

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