गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की हालिया जांच ने एक बार फिर उपभोक्ताओं को झकझोर कर रख दिया है। ‘शुद्धता की गारंटी’ देने वाले अमूल जैसे बड़े ब्रांड की दही समेत कई खाद्य पदार्थों के नमूने लैब परीक्षण में अधोमानक पाए गए हैं। विभाग की टीम ने सीएंडएफ संचालक के गोदाम और शहर के गोलघर क्षेत्र में अलग-अलग जगहों से खाद्य उत्पादों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट आने के बाद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि दोनों नमूनों-तेल और दही-की गुणवत्ता निर्धारित मानकों पर खरी नहीं उतरी। विभाग ने इसे खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गंभीर उल्लंघन माना है। इस पर कार्रवाई करते हुए संबंधित व्यापारियों को नोटिस जारी कर एक महीने के भीतर लिखित जवाब देने का निर्देश दिया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यदि तय अवधि में संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो उनके विरुद्ध वाद दायर कर विधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। विभाग अब इस पूरे मामले को उपभोक्ता सुरक्षा के बड़े मुद्दे के रूप में देख रहा है, क्योंकि इन उत्पादों का उपयोग दैनिक जीवन में व्यापक पैमाने पर किया जाता है।
तेल का नमूना फेल, गोदाम से जब्त हुई 1260 लीटर खेप
जांच की शुरुआत 29 अप्रैल 2025 को हुई थी जब खाद्य सुरक्षा टीम ने बेलीपार क्षेत्र के चनऊ उर्फ बेतउवा स्थित एक सीएंडएफ संचालक के गोदाम पर छापा मारा था। यहां से 1260 लीटर रिफाइंड, सोयाबीन और पाम ऑयल जब्त किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि यह तेल टूटे और दबे हुए टिनों में भरा हुआ था, जिन्हें बाद में प्लास्टिक के बड़े ड्रमों में एकत्र किया गया था। यह प्रक्रिया न केवल असुरक्षित थी बल्कि खाद्य सुरक्षा के मानकों का भी उल्लंघन कर रही थी। जांच के दौरान टीम ने गोदाम से मधु, हल्दी, धनिया और मसाले का नमूना भी लिया था। प्रयोगशाला में जांच के बाद तेल का नमूना फेल घोषित किया गया। सहायक आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि तेल की गुणवत्ता उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण पाई गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में विभाग सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा, क्योंकि खाद्य पदार्थों में मिलावट या गलत भंडारण उपभोक्ताओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
अमूल की दही भी जांच में फेल, विभाग करेगा विधिक कार्रवाई
तेल की रिपोर्ट आने के बाद सितंबर महीने में विभाग ने गोलघर क्षेत्र में अमूल कंपनी के वाहन को रोककर उसकी खेप की जांच की। वाहन में लाए जा रहे दही के नमूने को लैब भेजा गया और रिपोर्ट में पाया गया कि दही भी निर्धारित गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी। रिपोर्ट के अनुसार, नमूना अधोमानक स्तर का पाया गया है। इस पर विभाग ने अमूल की आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े स्थानीय दुकानदार और संबंधित अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है। सहायक आयुक्त डॉ. सिंह ने बताया कि दोनों मामलों में नमूना फेल होने की सूचना संबंधित पक्षों को दे दी गई है और उनसे लिखित जवाब मांगा गया है। उन्होंने कहा कि यदि जवाब नहीं दिया गया या जांच में दोष सिद्ध हुआ तो विधिक कार्रवाई के तहत वाद दर्ज कर अभियोजन शुरू किया जाएगा। विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में शहर के अन्य खाद्य उत्पादों पर भी इसी तरह की रैंडम जांचें की जाएंगी ताकि बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर नजर रखी जा सके। उपभोक्ताओं के हित में यह अभियान गोरखपुर समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी चलाया जा सकता है। इस कार्रवाई के बाद स्थानीय व्यापारियों और उपभोक्ताओं में हलचल मच गई है। एक ओर उपभोक्ता गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं, वहीं कई व्यापारी इसे जागरूकता बढ़ाने वाला कदम मान रहे हैं। अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे पैक्ड फूड खरीदते समय उत्पाद की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर देखें तथा किसी भी संदिग्ध वस्तु की जानकारी तत्काल विभाग को दें। इस पूरे घटनाक्रम ने साफ संकेत दिया है कि अब खाद्य सुरक्षा विभाग किसी भी ब्रांड या व्यापारी के प्रति नरमी बरतने के मूड में नहीं है, चाहे वह स्थानीय उत्पादक हो या राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित ब्रांड।




