एम्स गोरखपुर में रोजाना सैकड़ों मरीज जांच कराने आते हैं और उनमें से बड़ी संख्या डिजिटल एक्सरे कराने वालों की होती है। अभी तक यहां केवल एक ही मशीन काम कर रही है, जो ओपीडी के कमरा नंबर 17 में स्थापित है। रोजाना चार सौ से अधिक मरीज इस सुविधा का लाभ उठाते हैं लेकिन मशीन सीमित होने के कारण लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। हड्डी रोग और सीना रोग विभाग से अधिकतर मरीज जांच के लिए आते हैं, जिससे भीड़ और बढ़ जाती है। कई बार मरीजों को एक्सरे शुल्क जमा करने के बावजूद जांच न होने की स्थिति में वापस लौटना पड़ता है, और उन्हें धनवापसी के लिए अतिरिक्त प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों में मरीजों की असुविधा को देखते हुए दूसरी डिजिटल एक्सरे मशीन लगाने का निर्णय लिया गया है।
दूसरी मशीन से मिलेगी राहत और तेज होगा उपचार
नई डिजिटल एक्सरे मशीन ओपीडी के कमरा नंबर 19 में स्थापित की जाएगी। इससे मौजूदा मशीन पर दबाव कम होगा और जांच की प्रक्रिया तेज हो सकेगी। एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. विभा दत्ता ने बताया कि नई मशीन आने से मरीजों को तुरंत एक्सरे कराने में आसानी होगी और इलाज की प्रक्रिया भी गति पकड़ेगी। वर्तमान में एक्सरे की दर 255 रुपये तय है और यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहती है। दूसरी मशीन लगने के बाद समय और श्रम की बचत होगी और मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटर का रुख नहीं करना पड़ेगा। प्रशासन का मानना है कि इस कदम से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और भरोसेमंद व्यवस्था और मजबूत होगी।
डिजिटल सूचना प्रणाली से भी बढ़ेगी पारदर्शिता
एम्स प्रशासन ने मरीजों की सुविधा के लिए ओपीडी में एलईडी स्क्रीन भी लगाई है, जिस पर डॉक्टरों का नाम, कक्ष संख्या और ओपीडी दिवस की जानकारी प्रदर्शित की जाती है। इससे मरीजों को सही जगह और समय पर पहुंचने में सुविधा होगी और अव्यवस्था पर रोक लगेगी। अस्पताल प्रशासन का मानना है कि बेहतर तकनीकी साधनों और पारदर्शी सूचना प्रणाली से मरीजों का विश्वास मजबूत होगा और उन्हें त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सकेगी। गोरखपुर और आसपास के जिलों से आने वाले मरीजों के लिए यह सुविधा न सिर्फ राहत का काम करेगी बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगी।