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Gorakhpur News : गोरखपुर एम्स में बड़ा घोटाला, कार्यालय अधीक्षक ने किया 3.21 लाख रुपये का गबन

Gorakhpur news in hindi : कैग की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा, एम्स प्रशासन ने थाने में दी तहरीर और निलंबित किया आरोपी

AIIMS Gorakhpur administration office with police investigating embezzlement case | Gorakhpur News

गोरखपुरउत्तर प्रदेश – गोरखपुर एम्स में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें कार्यालय अधीक्षक रामऔतार पर तीन लाख 21 हजार 319 रुपये के गबन का आरोप लगा है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा की गई ऑडिट में यह मामला उजागर हुआ। एम्स प्रशासन ने आरोपी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए निलंबन का आदेश जारी किया और थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी। रामऔतार को एम्स परिसर में प्रवेश से रोक दिया गया है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

काउंटर नंबर 34 और गबन की प्रक्रिया

यह गबन एम्स की ओपीडी में काउंटर संख्या 34 से जुड़ा है, जहां मरीजों का शुल्क जमा होता है। कैग टीम ने ऑडिट में पाया कि 4 नवंबर 2024 को जमा की गई राशि एम्स के खाते में नहीं पहुंची थी। अगस्त 2025 में रिपोर्ट के आने के बाद प्रशासन को गबन की जानकारी मिली। कार्यालय अधीक्षक रामऔतार के पास कैश काउंटर का जिम्मा था। प्रारंभ में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। दूसरी बार नोटिस भेजने के बाद भी जवाब नहीं मिलने पर शनिवार को प्रशासन ने उन्हें निलंबित किया। निलंबन आदेश प्रशासनिक अधिकारी पुनीत चतुर्वेदी और चेयरमैन पद्मश्री डॉ. हेमंत कुमार की मंजूरी से जारी हुआ।

पुलिस जांच और प्रशासनिक कार्रवाई

निलंबन के बाद एम्स प्रशासन ने आरोपी के खिलाफ थाने में तहरीर दर्ज कराई। एम्स पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी और रामऔतार से काउंटर पर राशि जमा करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। इस दौरान प्रशासन ने अन्य पदाधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया। अब एम्स में उनके स्थान पर दूसरे अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह मामला एम्स गोरखपुर में प्रशासनिक पारदर्शिता और वित्तीय नियंत्रण की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक, ने कहा कि जांच पूरी होने तक सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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