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एम्स गोरखपुर में मरीजों की बढ़ती शिकायतें: चेयरमैन का तीन दिवसीय निरीक्षण दौरा शुरू

मरीजों की समस्याओं पर होगी सीधी समीक्षा, डॉक्टरों और स्टाफ से लेंगे फीडबैक

AIIMS Gorakhpur chairman Dr. Hemant Kumar inspecting hospital facilities

गोरखपुर के एम्स में इमरजेंसी, बाल रोग और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग से लगातार मरीजों की शिकायतें सामने आ रही थीं। इन्हीं शिकायतों के समाधान के लिए एम्स गोरखपुर के चेयरमैन पद्मश्री डॉ. हेमंत कुमार रविवार से तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस निरीक्षण में केवल अस्पताल की सुविधाओं की जांच नहीं होगी, बल्कि उन सभी पहलुओं को देखा जाएगा जिन पर मरीजों ने सवाल उठाए हैं। पिछले दौरे में जो निर्देश सुधार के लिए दिए गए थे, उनकी स्थिति का भी आकलन किया जाएगा। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब ओपीडी में प्रतिदिन पांच हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं, जिससे व्यवस्था पर दबाव बढ़ता जा रहा है। मरीजों का कहना है कि समय पर परामर्श और इलाज में दिक्कतें आ रही हैं, वहीं ऑपरेशन थिएटर में लंबे इंतजार से रोगियों की परेशानी और बढ़ जाती है।

डॉक्टरों और स्टाफ से संवाद, सुविधाओं पर जोर

चेयरमैन डॉ. हेमंत कुमार ने साफ किया है कि निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों से सीधा संवाद किया जाएगा। उनका मानना है कि बेहतर माहौल में ही डॉक्टर प्रभावी ढंग से मरीजों का इलाज कर पाएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने चिकित्सा कर्मियों की कार्य परिस्थितियों को सुधारने की योजना बनाई है। बेहतर सुविधाएं मुहैया कराए जाने से डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी न केवल मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवा देंगे बल्कि शिक्षा और शोध कार्यों में भी अधिक सक्रियता से भाग ले पाएंगे। इसके साथ ही, ऑपरेशन थिएटर की क्षमता को बढ़ाने और अधिकतम मरीजों का उपचार सुनिश्चित करने पर भी जोर रहेगा। प्रशासन का मानना है कि यदि आधारभूत ढांचे और संसाधनों में सुधार किया गया तो मरीजों की शिकायतों में बड़ी कमी लाई जा सकती है।

नई जिम्मेदारी और चिकित्सा क्षेत्र में अनुभव

डॉ. हेमंत कुमार को हाल ही में 14 अगस्त को एम्स गोरखपुर का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। बिहार के वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट के रूप में उन्होंने 35 वर्षों से चिकित्सा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी हैं। किडनी रोगियों के इलाज और उनके तीमारदारों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराना उनके काम का अहम हिस्सा रहा है। वे मरीजों के इलाज के साथ-साथ उनका विस्तृत रिकॉर्ड भी रखते हैं ताकि निरंतर निगरानी और बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जा सके। यही अनुभव अब एम्स गोरखपुर की व्यवस्था सुधारने में उपयोगी साबित होगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि डॉ. कुमार की प्रशासनिक समझ और चिकित्सकीय अनुभव से न केवल मरीजों को तत्काल लाभ मिलेगा बल्कि संस्थान की शैक्षणिक और शोध गतिविधियों को भी नई दिशा मिलेगी। उनके तीन दिवसीय दौरे से उम्मीदें बढ़ी हैं कि एम्स गोरखपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में ठोस सुधार होगा और मरीजों को राहत मिलेगी।

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