गोरखपुर, उत्तर प्रदेश – गोरखपुर के कमिश्नर कार्यालय के सामने स्थित सेवायोजन कार्यालय के पास 32 दुकानें ध्वस्त होने की संभावना है। इन दुकानों का निर्माण भूतल के साथ प्रथम और द्वितीय तल पर किया गया है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने इस संबंध में सख्त रुख अपनाते हुए नगर निगम से तीन दिनों में इन दुकानों का विस्तृत विवरण मांगा है। नगर निगम को दुकानों के आवंटी, आवंटित क्षेत्रफल और मासिक किराए का डेटा प्राधिकरण को उपलब्ध कराना होगा, जिसके बाद ही दुकानों को ध्वस्त करने का समय तय किया जाएगा। इससे पहले प्राधिकरण ने सेवायोजन कार्यालय को भी खाली करने का पत्र भेजा है।
एकीकृत मंडलीय कार्यालय का निर्माण और भूमि नीलामी
इन दुकानों के ध्वस्तीकरण और सेवायोजन कार्यालय की जमीन नीलामी के पीछे एकीकृत मंडलीय कार्यालय का निर्माण मकसद है। सेवायोजन कार्यालय की लगभग 5 एकड़ और उप श्रमायुक्त कार्यालय की लगभग 2.5 एकड़ जमीन नीलाम की जाएगी। रेलवे स्टेशन रोड स्थित सिंचाई विभाग की जमीन पर ट्विन टावर का निर्माण किया जाएगा, जिसका बजट लगभग 272 करोड़ रुपए है। भूमि मौद्रीकरण के आधार पर इस परियोजना के लिए वित्तीय व्यवस्था की जाएगी और शासन से इसके लिए अनुमति भी मिल चुकी है। सेवायोजन कार्यालय की जमीन से लगभग 125 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई गई है।
दुकानदारों का संभावित विरोध और प्रशासनिक तैयारी
इन दुकानों में लंबे समय से व्यवसाय करने वाले लोगों का भारी विरोध होने की संभावना है। कई चर्चित और प्रमुख दुकानें भी इसमें शामिल हैं। प्रशासन ने पहले ही यह योजना बना ली है कि जमीन नीलामी से पहले वहां से सभी कब्जे हटाए जाएंगे। GDA और नगर निगम मिलकर दुकानदारों को सूचना दे रहे हैं और सुरक्षित ढंग से दुकानों के खाली कराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के दौरान प्रशासन और दुकानदारों के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि स्थानीय व्यवसायियों की नाराजगी परियोजना की समयसीमा पर प्रभाव डाल सकती है।